विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती से राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल पाएगा। यू कोट वी पे योजना के तहत सरकार की ओर से विशेषज्ञ डॉक्टरों को चार लाख और सुपर स्पेशियलिस्ट को छह लाख रुपये प्रति माह मानदेय तय किया गया है।
राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से शुरू की गई यू कोट वी पे योजना के तहत 24 विशेषज्ञ डॉक्टरों का चयन कर उन्हें तैनाती दी गई। पर्वतीय क्षेत्रों के सरकारी अस्पतालों को बाल रोग, जनरल सर्जन, एमडी मेडिसिन डॉक्टर मिले हैं।
इस बाबत स्वास्थ्य सचिव डाॅ. आर राजेश कुमार ने कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती से राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल पाएगा। यू कोट वी पे योजना के तहत सरकार की ओर से विशेषज्ञ डॉक्टरों को चार लाख और सुपर स्पेशियलिस्ट को छह लाख रुपये प्रति माह मानदेय तय किया गया है।
संविदा पर तैनाती के आदेश जारी
स्वास्थ्य विभाग लंबे समय से राज्य के पर्वतीय जिलों में स्पेशियलिस्ट और सुपर स्पेशियलिस्ट डॉक्टरों की कमी को दूर करने की कवायद कर रहा है। योजना के तहत में 24 डॉक्टरों का चयन किया गया है। इनमें पैथोलॉजिस्ट, गायनोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिक, सर्जन, पीडियाट्रिक, ऑर्थाेपेडिक डॉक्टर शामिल हैं। चयनित स्पेशियलिस्ट डॉक्टरों की संविदा पर तैनाती के आदेश जारी किए गए।
सचिव ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से यू कोट वी पे के तहत सभी डॉक्टरों की तैनाती संविदा के आधार पर की जा रही है। पहाड़ी जिलों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, दवाइयां, आधुनिक चिकित्सा उपकरण की सुविधाएं तो हैं, लेकिन प्रदेश के कुछ स्थानों पर स्पेशियलिस्ट डाक्टरों के रिक्त पदों के कारण लोगों को बेहतर सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहीं हैं।
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