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रूस के जंगी जहाज 13,000 किमी की पेट्रोलिंग कर लौटे:जापान- अमेरिका के पास से गुजरे; चीनी वेसल्स के साथ प्रशांत महासागर में गश्त की

FILE PHOTO: The Russian Navy's guided missile cruiser Moskva sails back into a harbour after tracking NATO warships in the Black Sea, in the port of Sevastopol, Crimea November 16, 2021. REUTERS/Alexey Pavlishak/File Photo

रूसी नौसेना के जंगी जहाज चीनी युद्धपोतों के साथ प्रशांत महासागर में 21 दिन से ज्यादा की पेट्रोलिंग के बाद वापस लौट आए हैं। पैसिफिक ओशेन यानी प्रशांत महासागर में गश्त के दौरान जंगी जहाजों के बेड़े ने 13,000 किलोमीटर की दूरी तय की। इस दौरान ये जहाज अमेरिका के पश्चिमी तट के करीब तक पहुंच गए थे।

इंटरफैक्स न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के युद्धपोतों ने, चीनी नौसेना के जहाजों की एक टुकड़ी के साथ, जापान सागर, ओखोत्स्क सागर, बेरिंग सागर और प्रशांत महासागर का गश्त किया।

जापान के नजदीक से गुजरे जंगी जहाज
गश्त के दौरान, रूसी-चीनी टुकड़ी उत्तरी जापानी द्वीप होक्काइडो के पास से गुजरी। होक्काइडो एक ऐसा क्षेत्र है जिसे रूस में कुरिल और जापान में उत्तरी क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। ये द्वीप दोनों पड़ोसी देशों के बीच दशकों से तनाव का कारण रहा है। रूसी-चीनी युद्धपोतों ने अलेउतियन द्वीपसमूह के हिस्से का भी चक्कर लगाया। अधिकांश अलेउतियन द्वीप अमेरिकी राज्य अलास्का के हिस्से है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अगस्त की शुरुआत में रिपोर्ट दी थी कि 11 रूसी और चीनी जहाज अलेउतियन द्वीप समूह के करीब पहुंचे हैं, जो अमेरिकी तटों तक पहुंचने वाला इस तरह का सबसे बड़ा बेड़ा था। अखबार ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया कि जहाज कभी भी अमेरिकी जलक्षेत्र में नहीं घुसे।

पेट्रोलिंग में एक्सरसाइज की गई, नकली मिसाइल भी दागे
इंटरफैक्स ने बताया कि रूसी प्रशांत बेड़े के कुछ सबसे बड़े युद्धपोतों ने पेट्रोलिंग में भाग लिया। गश्त के दौरान, संयुक्त एंटी सबमरीन और एंटी एयरक्राफ्ट अभ्यास किया गया। दोनों ओर से हेलीकॉप्टरों और नौसैनिक विमानों का इस्तेमाल कर दुश्मन की पनडुब्बियों की खोज की मॉक एक्सरसाइज की गई।

जहाजों की एक टुकड़ी पर नकली मिसाइल फायरिंग की गई। सितंबर में, चीन ने रूस के साथ संयुक्त अभ्यास में भाग लेने के लिए 300 सैन्य वाहनों, 21 लड़ाकू विमानों और तीन युद्धपोतों के साथ 2,000 से अधिक सैनिकों को भेजा।

पिछले साल दोनों देशों ने किया था युद्धाभ्यास
रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 2022 में रूस और चीन के बीच हुए युद्धाभ्यास में 50,000 से अधिक सैनिक और 5,000 हथियार यूनिट शामिल थीं। इनमें 140 विमान और 60 युद्धपोत शामिल थे। इस युद्धाभ्यास को वोस्तोक नाम दिया गया था। यह अभ्यास रूस के सुदूर पूर्व और जापान सागर में अलग-अलग जगहों पर हुआ था।

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