देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की बेटी दिवंगत अंकिता भंडारी को लेकर बड़ा फैसला किया है। सीएम धामी ने पौड़ी के श्रीनगर में स्थित राजकीय नर्सिंग कॉलेज डोभ (श्रीकोट) का नाम अंकिता भंडारी के नाम पर करने का ऐलान किया। अब ये नर्सिंग कॉलेज अंकिता भंडारी राजकीय नर्सिंग कॉलेज के नाम से जाना जाएगा। इस दौरान सीएम धामी ने कहा हम अंकिता के परिवार के साथ खड़े हैं। राज्य की हर बेटी का सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सामने आई 18 सितंबर की कहानी
बता दें कि कल अंकिता हत्याकांड को पूरे एक साल हो जाएंगे। अंकिता हत्याकांड ने उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल ला दिया था। 18 सितंबर को भाजपा नेता के वनंतरा रिजॉर्ट में अंकिता के साथ क्या हुआ। इसका पूरा सच अदालत के सामने आ गया। 18 सितंबर को वनंतरा रिजॉर्ट की पूरी कहानी अदालत में दो गवाहों ने बताई। दरअसल, शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायलय में बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान फोरेंसिक यूनिट के सदस्य सज्जन सिंह और इलेक्ट्रीशियन कुलदीप सिंह के बयान दर्ज किए गए। कुलदीप ने कोर्ट को बताया कि 18 सितंबर को अंकिता वनंत्रा रिसॉर्ट में मौजूद थी जबकि 19 सितंबर को अंकिता की गुमशुदा होने पर रिसॉर्ट में हंगामा हो रहा था। वहीं, फॉरेंसिक यूनिट के सदस्य सज्जन सिंह ने बताया वनंत्रा रिसॉर्ट में बने अंकिता भंडारी के कमरे में गिलास, कप, प्लेट और दीवारों पर आरोपी के फिंगरप्रिंट मैच नहीं हो रहे हैं। 23 सितंबर को टीम ने वनंत्रा रिसॉर्ट में अंकिता के कमरे की फोटो और वीडियोग्राफी की थी।
क्या है अंकिता भंडारी हत्याकांड
पौड़ी जिले की श्रीकोटडोभ गांव निवासी 19 वर्षीय अंकिता भंडारी यमकेश्वर ब्लॉक के गंगा भोगपुर स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करती थी। 18 सितंबर 2022 को अंकिता अचानक गायब हो गई थी। पुलिस ने जांच करते हुए रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, दोस्त अंकित गुप्ता और रिसॉर्ट मैनेजर सौरभ भास्कर पर अंकिता के गायब होने पर शक जताया था। पुलिस ने पूछताछ की तो सभी ने अंकिता की हत्या की बात कबूली थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने 18 सितंबर को अंकिता को चीला बैराज की नहर में धक्का दे दिया था। इसके बाद 24 सितंबर को अंकिता का शव नहर से बरामद किया था।
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