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बिहार: यहां मुसलमान सजाते हैं मां का पंडाल, साल 1921 से पूजा का हो रहा आयोजन, भाईचारे की पेश कर रहे मिसाल

बिहार में दुर्गा पूजा को लेकर खास तैयारियां चल रही है. रविवार से दुर्गा पूजा की शुरुआत हो रही है . वहीं, राज्य में एक जगह ऐसा है, जहां मुसलमान दुर्गा मां का पंडाल सजाते है. यह यहां की पूजा को देशभर में काफी खास बनाता है.

Durga Puja 2023: बिहार के बेगूसराय जिले में दुर्गा पूजा के मौके पर मुसलमान माता के पंडाल को सजाते है. साल 1921 से यहां पूजा का आयोजन हो रहा है. किरोड़ीमल गजानंद दुर्गा पूजा समिति पिछले कई सालों से शांति और भाई चारे का संदेश दे रहा है. यहां के मुसलमान एक समूह सांप्रदायिक सौहार्द्र और भाईचारे की मिसाल पेश कर रहे हैं. इस त्योहार को अलग तरीके से मनाने में यह हिन्दुओं की सहायता भी करते हैं. इस मंदिर को मुसलमान चलाते है और यह हिन्दुओं के साथ मिलकर काम करते हैं. इस पूजा समिति में अधिकतर लोग मुसलमान है. बेगूसराय में स्थित देवी दुर्गा के इस मंदिर में अनुष्ठान, पूजा आयोजित करने और श्रद्धालुओं को संभालने काम तक मुसलान ही करते हैं.

धूम- धाम से होती है मां की पूजा

बताया जाता है कि 24 सदस्यों की इस समिति में 17 मुस्लिम और सात हिंदू सदस्य हैं. पूरे राज्य में यह समिति अपने आप में अनोखी है. इसकी चर्चा दूर- दूर तक होती है. साथ ही यहां से पूरे विश्व में एक अच्छा संदेश जाता है. लोगों को यहां का तरीका खूब पसंद भी आता है. यहां पर धूम- धाम से माता की पूजा की जाती है. यहां का नजारा और हाल थोड़ा अलग है. समिति के सदस्य बताते है कि वह मुसलमानों के बिना इस जगह पर पूजा को मनाने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं. पंडाल को यह सजाते भी है. साथ ही यहां की सफाई- सफाई से लेकर हर व्यवस्था को भी देखते है.

पूर्वजों की मान्यताओं के अनुसार हिन्दुओं की करते हैं मदद

पूजा समिति के मुसलमान यहां प्रसाद भी बांटते है. साथ ही अन्य अनुष्ठानों में भी भाग लेते हैं. यहां के मुसलमान बताते है कि वह अपने पूर्वजों की मान्यताओं के अनुसार चलते है. यहां वह हिन्दुओं की मदद करते हैं. इनके अनुसार यह इस्लाम की ओर सहिष्षुता का प्रतीक है. इसके तहत ही वह एक दूसरे की मदद करते हैं. यहां अलग- अलग जिलों के मुस्लिम कलाकार मंदिर और दूसरे जगर की कृतियों को अंतिम रुप भी देते हैं. यहां यह प्राथना और दान भी करते हैं.

 

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