अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की डेट आई सामने, एक साथ बन रही 3 प्रतिमाएं-सूर्य से कनेक्शन;पूरी जानकारी

0
1375


उत्तराखंड की ताजा खबरें पढ़ने के लिए हमसे जुड़ें


Google News - memoirs publishing

Ram Temple in Ayodhya श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने सोमवार को कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्रतिमा 51 इंच लंबी होगी। इसमें प्रभु का बालरूप में दर्शन होगा। प्रतिमा खड़े बालक के रूप में गर्भगृह में बने चबूतरे के ऊपर कमल पर स्थापित की जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा के लिए पीएम मोदी से बातकर डेट फाइनल की जाएगी।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने सोमवार को कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्रतिमा 51 इंच लंबी होगी। इसमें प्रभु का बालरूप में दर्शन होगा।

प्रतिमा खड़े बालक के रूप में गर्भगृह में बने चबूतरे के ऊपर कमल पर स्थापित की जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात कर मकर संक्रांति से 26 जनवरी के बीच का दिन निश्चित किया जाएगा।

खगोल विज्ञानियों की ली जा रही मदद

चंपतराय सोमवार को रोहनिया स्थित जालान अतिथि गृह में मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान राम सूर्यवंशी थे, इसलिए प्रधानमंत्री की इच्छा है कि उनके ललाट पर पहला आशीर्वाद भगवान सूर्य का पड़े। इसे देखते हुए रामलला की प्रतिमा की ऊंचाई आदि तय करने में खगोल विज्ञानियों की राय भी ली गई है, ताकि सूर्य की पहली किरण उनके ललाट पर पड़े।

मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था, बाढ़ और भूकंप से बचाव आदि का ध्यान रखते हुए देश के सभी आइआइटी के अलावा बड़े अभियंताओं व विज्ञानियों की सलाह ली जा रही है। मंदिर में लोहा, स्टील या कंक्रीट का प्रयोग नहीं किया गया है।

25 हजार लोग एक साथ कर सकेंगे दर्शन

रामलला के दर्शन एक साथ 25,000 लोग कर सकेंगे। शौचालय, बिजली, पानी, लाकर और बैठने की समुचित व्यवस्था के लिए तीर्थयात्री सेवा केंद्र व चिकित्सालय भी बनेगा। श्रद्धालुओं से किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा। आरती और दर्शन का भी कोई शुल्क नहीं लगेगा।

रामलला की बन रहीं तीन प्रतिमाएं

गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा के लिए रामलला की तीन प्रतिमाएं अलग-अलग कारीगरों से बनवाई जा रही हैं। इनमें कर्नाटक, जम्मू और जयपुर के कारीगर ग्रे कलर और मकराना के सफेद पत्थर से मूर्ति तराश रहे हैं। जो मूर्ति सबसे सुंदर और आकर्षक बनेगी, उसकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

गर्भगृह में रामलला संग होंगे ये देव विग्रह

गर्भगृह में रामलला के बालरूप विग्रह के अलावा चारों कोनों पर भगवान सूर्य, भगवान शंकर, मां भगवती और गणपति विराजमान होंगे। मंदिर में ही हनुमानजी और मां अन्नपूर्णा का मंदिर भी होगा। पास में भगवान की रसोई में प्रसाद बनेगा।

मंदिर में प्रवेश पूरब और निकास दक्षिण दिशा से होगा। महर्षि वाल्मीकि, गुरु वशिष्ठ, गुरु विश्वामित्र, भारद्वाज ऋषि, निषादराज, माता शबरी, माता अहिल्या और जटायु की सुंदर प्रतिमा के भी दर्शन होंगे। गर्भगृह के ऊपर भगवान राम के साथ मां जानकी, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के साथ हनुमानजी भी होंगे। पत्रकार वार्ता के दौरान एम गोपाल, पंकज जी, सूर्यकांत जालान, चंदन सिंह भी थे।