उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष की घटनाएं वन विभाग और सरकार के लिए चुनौती बनती जा रही है। इस संघर्ष से पार पाने के लिए वन विभाग की तरफ से कुछ कदम भी उठाए गए हैं, लेकिन धरातल पर उनका कोई खास असर नहीं दिख रहा है, बल्कि हालात हर साल बदतर होते जा रहे हैं। सबसे ज्यादा पहाड़ों में गुलदार के हमलों ने लोगों के दिन का चैन और रातों की नींद उड़ाई हुई है। ताजा मामला रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि का है जहां गुलदार ने एक ढाई साल की बच्ची को अपना शिकार बना लिया।
आंगन में खेल रही मासूम को बनाया शिकार
दरअसल अगस्तमुनि विकासखंड के ग्राम पंचायत गहड़ में घर के आंगन में खेल रही ढाई साल की बच्ची को गुलदार उठा ले गया। घटना बृहस्पतिवार शाम करीब छह बजे की है। बताया जा रहा है कि गांव में रहने वाले विनोद कुमार की ढाई साल की बेटी मिष्ठी अपने घर के आंगन में खेल रही थी। उसकी दादी कुछ दूरी पर बैठी थी, जबकि मां अपने चार माह के बेटे के साथ कमरे में थी। इसी दौरान घात लगाकर बैठे गुलदार ने मिष्ठी पर हमला कर दिया और उसे जबड़े में दबाकर वहां से भागने लगा। दादी के शोर मचाने पर बच्ची की मां ने गुलदार के पीछे दौड़ लगा दी। यह देख खेतों में काम कर रहे ग्रामीण भी शोर मचाते हुए पीछे दौड़े तो गुलदार करीब 500 मीटर दूर झाड़ियों में मिष्ठी को छोड़ कर भाग गया। लेकिन तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी।
पिंजरा लगाने की मांग
गुलदार के हमले से बच्ची की मौत की सूचना पर जिला प्रशासन व वन विभाग की टीम मौके के लिए रवाना हो गई। प्रधान ताजू गुंसाई, यशवंत ने बताया कि यह गांव में पहली घटना है। उन्होंने जिला प्रशासन से गांव में पिंजरा लगाकर गुलदार को पकड़ने की मांग की है।
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