-सिस्टम की लापरवाही,परिजनों पर रही भारी
देवप्रयाग। सरकार एक ओर जहां स्वास्थ्य व्यवस्था के चाकचौबंद होने का दावा कर रही है वहीं स्थिति यह है कि गुलदार के हमले में घायल 10 वर्षीय बच्चे को इलाज के लिए 12 घंटे सीएचसी हिंडोलाखाल से लेकर राजधानी देहरादून तक करीब 217 किमी तक भटकना पड़ा।
बीते बुधवार शाम करीब साढ़े पांच बजे देवप्रयाग के गोसिल गांव के सुशीलदास का 10 वर्षीय बेटा जसप्रीत बहन रुचिका के साथ मवेशियों के लिए घास लेने गया था जहां घात लगाए बैठे गुलदार ने जसप्रीत पर हमला कर दिया।
बहन के शोर बचाने पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो गुलदार इसके बाद परिजन व ग्रामीण घायल जसप्रीत को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हिंडोलाखाल लाए जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे मेडिकल कॉलेज श्रीनगर रेफर कर दिया जहां से रात करीब 9.30 बजे उसे एम्स ऋषिकेश रेफर किया। परिजन उसे रात 12.30 बजे यहां पहुंचे। आकस्मिक विभाग में करीब डेढ़ घंटे घायल बच्चे का उपचार किया गया लेकिन तड़के तीन बजे एम्स प्रशासन ने बताया कि बच्चे को भर्ती करने के लिए कोई बेड नहीं है।
जनसंपर्क अधिकारी ने बच्चे को जौलीग्रांट अस्पताल देहरादून ले जाने का सुझाव दिया। इसके बाद परिजन घायल बच्चे को लेकर तड़के चार बजे जौलीग्रांट अस्पताल पहुंचे यहां बच्चा एंबुलेंस में ही रहा। विधायक देवप्रयाग विनोद कंडारी ने जौलीग्रांट अस्पताल प्रशासन से बात की लेकिन उन्होंने उसके बाद भी बेड होने से इन्कार कर दिया।
विधायक ने कैलाश अस्पताल में भर्ती कराने की व्यवस्था की। आखिरकार 12 घंटे बाद बच्चे को बृहस्पतिवार सुबह छह बजे कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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