Li-Fi Technology Li-Wi टेक्नोलॉजी में सिग्नल भेजने और रिसीव करने के लिए प्रकाश का इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल एलईडी लाइट सिग्नल भेजने के लिए एक सेकेंड्स में लाखों बार टिमटिमाती है जिसे हम अपनी खुली आंखों से नहीं देख पाते हैं। WiFi की तुलना में नई टेक्नोलॉजी LiFi 100 गुना अधिक तेज स्पीड वाली होगी। वैज्ञानिकों ने लैब में 224 GB प्रति सेकेंड की स्पीड हासिल कर ली है।
अगर आप इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो आपने WiFi (वाई-फाई) के बारे में जरूर जानते होंगे। लेकिन क्या आपने कभी Li-Fi (लाई-फाई) के बारे में सुना है? अगर आपने इसके बारे में नहीं सुना है तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं।
ये टेक्नोलॉजी WiFi (वाई-फाई) से 100 गुना तेजी से काम करती है। आइए डिटेल से जानते हैं कि LiFi Kya Hai? यह कैसे काम करती है? और इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है। इसके फायदे क्या हैं और इसका नुकसान क्या है।
क्या है लाई-फाई (Light Fidelity) टेक्नोलॉजी
Li-Fi डाटा ट्रांसफर के लिए रेडियो फ्रिक्वेंसी वेव्स की जगह विजिबल लाइट कम्युनिकेशंस या इंफ्रारेड या नजदीकी अल्ट्रावॉयलेट का इस्तेमाल करता है। यह टेक्नोलॉजी 400 और 800 THz (780–375 nm) के बीच के विजिबल लाइट का इस्तेमाल करता है।
बल्ब को स्विच ऑन या ऑफ करने से इसका इस्तेमाल किया जाएगा, चूंकि यह नैनोसेकेंड में होगा इसलिए आमतौर पर हम आंखों से नहीं देख पाएंगे। Li-Fi को साल 2011 एक जर्मन व्यक्ति Professor Herald Haas ने लोगों के सामने पेश किया था।
कैसे काम करती है LiFi टेक्नोलॉजी
जैसा कि हम आपको पहले बता चुके हैं कि Li-Fi टेक्नोलॉजी में सिग्नल भेजने और रिसीव करने के लिए प्रकाश का इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल एलईडी लाइट सिग्नल भेजने के लिए एक सेकेंड्स में लाखों बार टिमटिमाती है, जिसे हम अपनी खुली आंखों से नहीं देख पाते हैं और हमें लगता है कि बल्ब लगातार जल रहा है।
WiFi की तुलना में नई टेक्नोलॉजी Li-Fi 100 गुना अधिक तेज स्पीड वाली होगी। वैज्ञानिकों ने लैब में 224 GB प्रति सेकेंड की स्पीड हासिल कर ली है। यह स्पीड पलक झपकते ही 18 मूवी डाउनलोड करने के स्पीड के बराबर है।
Li-Fi का ऐसे कर सकेंगे इस्तेमाल
मौजूदा समय में Li-Fi टेक्नोलॉजी Wi-Fi के मुकाबले में कम पॉपुलर है। कम लोग ही Li-Fi टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि इसके लिए लोगों को अपने घरों में एलईडी लाइट लगानी होगी, जो Wi-Fi के मुकाबले थोड़ा महंगा पड़ता है। लेकिन आने वाले समय में Li-Fi टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ेगा। हालांकि यह Wi-Fi को हटा पाएगा या नहीं यह कहना मुश्किल है।
Li-Fi टेक्नोलॉजी की खासियत
Li-Fi टेक्नोलॉजी कई खासियतों में से एक यह भी है कोई भी आपके इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर सकता है जब तक आप न चाहें। ऐसा इसलिए क्योंकि इंटरनेट सिग्नल उसी जगह पर आता है जहां आपने लाइट को लगाया हो। Li-Fi की दूसरी खासियतों में से एक इसका Wi-Fi की तुलना में कई गुना तेज काम करना शामिल है।
आपको सिग्नल के लिए Li-Fi डॉन्गल लगाना होगा। Li-Fi पर्यावरण की नजर से काफी सुरक्षित तकनीक है। इसलिए इसे ग्रीन टेक्नोलॉजी भी कहा जा सकता है।
कैसे काम करता है Li- Fi
- Li-Fi टेक्नोलॉजी में डेटा का ट्रांसमिशन Light के माध्यम से होता है
- Li-Fi में डेटा ट्रांसमिट करने के लिए LED Bulb का इस्तेमाल किया जाता है
- डेटा ट्रांसमिट करने की स्पीड लगभग 1 Gbps होती है
- इसमें डेटा सेफ रहता है
- Li-Fi 10 मीटर तक डिस्टेंस को कवर कर सकता है
- Li-Fi में LED Bulb, LED Driver और Photo Detector का इस्तेमाल किया जाता है
- इसकी Frequency रेडिओ तरंगों की तुलना में 10 हजार गुना अधिक होती है
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