शुगर वाले फूड्स और ड्रिंक्स

ज्यादा शक्कर खाने से इंसुलिन रेजिस्टेंस हो सकता है, जो पीसीओएस वाली महिलाओं में आम है। ऐसे में इस समस्या के दौरान मीठे स्नैक्स, सोडा और शुगर वाले ड्रिंक्स के ज्यादा सेवन से बचना चाहिए।

रीफाइन्ड कार्बोहाइड्रेट

सफेद ब्रेड, सफेद चावल और पास्ता जैसे रीफाइन्ड अनाज से बने फूड आइटम्स ब्लड शुगर के स्तर में तेजी से वृद्धि का कारण बन सकते हैं। ऐसे में इन फूड आइटम्स की बजाय ऐसे साबुत अनाज का चयन करें, जिसमें अधिक फाइबर होता है और ब्लड शुगर को स्थिर करने में मदद कर सकता है।

हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स

हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स ब्लड शुगर के स्तर में तेजी से वृद्धि करते हैं और इंसुलिन रेजिस्टेंस को खराब कर सकते हैं। ऐसे में पीसीओएस होने पर महिलाओं को हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स जैसे सफेद आलू, कॉर्नफ्लेक्स और शुगर युक्त अनाज से परहेज करना चाहिए।

डेयरी प्रोडक्ट्स

पीसीओएस से पीड़ित कुछ महिलाएं डेयरी प्रोडक्ट्स के प्रति संवेदनशील हो सकती हैं, जो हार्मोनल असंतुलन को बढ़ा सकती हैं। ऐसे में आप डेयरी प्रोडक्ट्स को बादाम या सोया मिल्क विकल्पों से रीप्लेस कर सकते हैं।

फ्राईड फूड आइटम्स

फ्राईड फूड आइटम्स में अक्सर अनहेल्दी फैट की मात्रा काफी हाई होती है, जो सूजन और वजन बढ़ाने में योगदान कर सकते हैं, जिससे पीसीओएस के लक्षण खराब हो सकते हैं।

रेड मीट

अगर आप पीसीओएस का शिकार हैं, तो रेड मीट से दूरी बनाना आपके लिए गुणकारी साबित होगा। प्रोसेस्ड और फैटयुक्त मांस सूजन और इंसुलिन रेजिस्टेंस में वृद्धि का कारण बन सकता है। ऐसे में आप रेड मीट की जगह पोल्ट्री, मछली या प्लांट बेस्ड जैसे लीन प्रोटीन का ऑप्शन चुन सकते हैं।

ट्रांसफैट

आर्टिशियल फैट आमतौर पर प्रोसेस्ड और तले हुए फूड आइटम्स में पाए जाते हैं। वे सूजन और इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ा सकते हैं, इसलिए पीसीओएस वाली महिलाओं के लिए इनसे बचना अच्छा है।

कैफीन

अत्यधिक कैफीन का सेवन हार्मोन संतुलन को बाधित कर सकता है और पीसीओएस के लक्षणों को बढ़ा सकता है। ऐसे में पीसीओएस की समस्या के दौरान कॉफी और अन्य हाई कैफीन वाले पेय पदार्थों को सीमित करने या बंद करने पर विचार करें।

शराब

शराब हार्मोन रेगुलेशन को बाधित कर सकती है और लिवर के कार्य को प्रभावित कर सकती है, जिससे संभावित रूप से पीसीओएस के लक्षण बिगड़ सकते हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि आप या तो शराब छोड़ दें या मात्रा सीमित कर लें।

सोया प्रोडक्ट

सोया प्लांट बेस्ड प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है, लेकिन कुछ शोध से पता चलता है कि सोया का अत्यधिक सेवन हार्मोन संतुलन को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में पीसीओएस में सोया प्रोडक्ट्स का सेवन कम मात्रा में करना बेहतर होगा।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।