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दून के इस प्राइवेट स्कूल में निर्धन बच्चों को भी मिलेगा एडमिशन, डीजी बंशीधर तिवारी ने दिए थे सख्त निर्देश

देहरादून। महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी के सख्त रुख के बाद देहरादून का नामी प्राइवेट स्कूल सन वैली शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के अन्तर्गत निर्धन एवं अपवंचित वर्ग के 25 बच्चों को प्रवेश देने पर राजी हो गया है। सन वैली स्कूल, विद्यालयी शिक्षा के अन्तर्गत निहित मान्यता सम्बन्धी प्राविधानुसार संचालित किया जा रहा है। विद्यालय द्वारा अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान घोषित किये जाने/मान्यतानुरूप संचालित किये जाने के सम्बन्ध में राज्य स्तर पर आवेदन किया था। विद्यालय द्वारा शैक्षिक सत्र 2022-23 तक उक्त एक्ट के अनुसार निर्धन एवं अपवंचित वर्ग के बच्चों को प्रवेश दिया गया किन्तु वर्तमान शैक्षिक सत्र 2023-24 में इस आधार पर प्रवेश देने से इन्कार किया जा रहा था कि विद्यालय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त है।

विद्यालय द्वारा अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान की मान्यता के सम्बन्ध में विभाग को किसी भी प्रकार की सूचना नहीं दी गई। विभागीय जांच में पता चला कि सन वैली स्कूल द्वारा मान्यता प्रमाण पत्र प्राप्त किये जाने सम्बन्धी निहित प्रक्रिया का अनुपालन नहीं किया गया है तथा सीधे राज्य अल्पसंख्यक आयोग को मान्यता सम्बन्धी आवेदन किया गया है। चूंकि वर्तमान में विद्यालय विभागीय मान्यता अनुसार संचालित है, अतः आर०टी०ई० के अन्तर्गत चयनित बच्चों को प्रवेश दिये जाने के लिए बाध्य है।

महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा/राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा, उत्तराखण्ड द्वारा विद्यालय को 23 दिसम्बर 2023 तक प्रत्येक दशा में चयनित बच्चों को प्रवेश दिये जाने हेतु निर्देशित किया गया तथा ऐसा न होने पर कठोर कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में चेतावनी पत्र निर्गत किया गया था। इस पत्र के बाद सन वैली स्कूल के प्रबन्धक ने विद्यालय को अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान की मान्यता मिलने तक शैक्षिक सत्र 2023-24 में ऑनलाईन लाटरी के माध्यम से चयनित निर्धन एवं अपवंचित वर्ग के 25 बच्चों को प्रवेश दिये जाने की सहमति प्रदान की है। इस सम्बन्ध में मुख्य शिक्षा अधिकारी, देहरादून तथा विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी, रायपुर-देहरादून को तत्काल आवंटित बच्चों को सन वैली स्कूल देहरादून में प्रवेशित किये जाने सम्बन्धी प्रक्रियाएं प्रारम्भ करने के सम्बन्ध में पत्र निर्गत किये गये हैं ।

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