दिल्ली। उत्तराखंड भर्ती घाेटाले को लेकर भाजपा संगठन उपरी तौर पर सरकार को क्लीन चिट दे रहा हो लेकिन भीतर से उठ रहा धुंआ कुछ और ही कहानी की ओर संकेत कर रहा है हांलाकि भर्ती घोटाले के मामले में किसी मंत्री का नाम सीधे तौर पर सामने नहीं आया है बावजूद इसके उच्च पदस्थ सुत्रों की माने तो आने वाले दिनों मे तीन मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। ऐसे में कुल मिलाकर छ: मंत्री पदो के लिए दस से अधिक विधायक दौड में माने जा रहे है। जिन मंत्रियों को हटाए जाने की चर्चा है उनमें एक कुंमाऊ से और एक गढवाल से है।
भाजपा में ऐसी किलाबंदी होती है कि कमरे से बाहर कोई बात नहीं आती बावजूद इसके निर्णयों का धुंवा रोशनदान से बाहर आ ही जाता है। इसके आलोप में देखे तो तीन मंत्रियों की छुट्टी तय मानी जा रही है। इसके बाद कुल मिलाकर मंत्रियों के छ: पद रिक्त हो जाएगें माना जा रहा है कि काग्रेंस से आई सरिता आर्य के सिर पर भी ताज सज सकता है। टिहरी लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो धनौल्टी से विधायक प्रीतम पंवार और टिहरी से किशोर उपाध्याय में से किसी की भी लाटरी लग सकती है। जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने पर हरिद्वार के मदन कौशिक की किस्मत फिर जाग सकती है।
इसके साथ ही विकासनगर के विधायक मंत्री पद पाने की आस में दिख रहे है,डोईवाला के विधायक गैरोला भी पद पा सकते है। दौंड मे तो गंगोत्री के सुरेश चौहान और देवप्रयाग के विनोद कंडारी भी है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा की मंत्री मंडल में कब तक फेरबदल होता है। फिलहाल तो मंत्री पद की दौड में शामिल विधायक चाहते है की भर्ती घोटाले की जांच की सुई उन मंत्रियो की ओर भी घूमें जिनके नाम लोगों की जुबान पर है। भाजपा संगठन भी इन दिनों मंत्रियों को हटाने और शामिल करने के नफा- नुकसान को गुणा भाग कर रहा है जिसके बाद ही कोई तस्वीर आकार लेगी।
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