पिथौरागढ़। कनालीछीना ब्लॉक के डुंडू गांव में गन्ने की फसल अब लहलहा रही है, और किसान न केवल जूस बना रहे हैं, बल्कि इससे गुड़ भी तैयार किया जा रहा है। अब पूर्व सैनिक सुंदर सिंह अन्ना के महत्वपूर्ण योगदान के परिणामस्वरूप, व्यापक स्तर पर गन्ने की खेती और गुड़ निर्माण की कवायद की जा रही है।
वर्ष 2018 में अन्ना सेना से सूबेदार मेजर पद से सेवानिवृत्त हुए। उनके गांव में पूर्व से कोल्हू था जो पूरी तरह खराब हो गया था। उन्होंने नए सिरे से कोल्हू तैयार किया। 2021 में उनका संपर्क गन्ना अनुसंधान केंद्र काशीपुर के आयुक्त हंसा दत्त पांडेय से हुआ। उन्होंने अन्ना को गन्ने की खेती के लिए प्रेरित किया। इसके बाद उन्होंने हल्दूचौड़ के जैविक कृषक नरेंद्र सिंह मेहरा से 60 क्विंटल गन्ने का बीज मंगाया।
गांव में मातृशक्ति महिला स्वयं सहायता समूह के सहयोग से छह नाली भूमि में गन्ना रोपा गया। 2022 में गन्ने के रस से गुड़ बनाकर बेचा गया। इस धन से 21 नाली में गन्ने की सीओ पंत 0239 पौध लगाई गई। सुंदर सिंह ने बताया कि गन्ना उत्पादन से सतगढ़, जौरासी, धुर्चु, पंतरा, पाली, भौतड़ी के अब तक 21 किसान जुड़ गए हैं। अब एमबीएडीपी के तहत गांव में 17 लाख रुपये की लागत से गुड़ बनाने का संयंत्र लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अगले दो वर्ष में 400 किसानों को गन्ना उत्पादन से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। संवाद
अक्तूबर में मिलेगा 26 क्विंटल बीज
पिथौरागढ़। जिले में जैविक गन्ने के सफल उत्पादन और प्रसार के लिए गन्ना मंत्री सौरभ बहुगुणा से पुरस्कृत पूर्व सैनिक सुंदर सिंह अन्ना ने बताया कि 20 अक्तूबर को कृषि विभाग के सहयोग से काशीपुर से 26 क्विंटल बीज आ रहा है। इसे 29 किसानों के बीच बांटा जाएगा।
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