इन जवानों की मांग के संदर्भ में, उनके दैनिक भत्तों का भुगतान भी संबंधित विभाग की ओर से किया जाएगा। उत्तराखंड प्रदेश में, पीआरडी के लगभग छह हजार कर्मचारी विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत हैं, और उनके संगठन द्वारा इस मुद्दे को उठाया जा रहा है।
जिस विभाग से जवानों की मांग की जाएगी, उनके दैनिक भत्ते का भुगतान भी संबंधित विभाग की ओर से किया जाएगा। प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में पीआरडी के लगभग छह हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। कंप्यूटर ऑपरेटर, अनुसेवक, डाक सेवक, चौकीदार, कार्यालय सहायक, वाहन चालक आदि विभिन्न पदों पर कार्यरत इन कर्मचारियों के मानदेय का भुगतान संबंधित विभाग करेगा।
इससे पीआरडी में भर्ती की अधिकतम आयु सीमा भी 45 वर्ष से घटकर अब 42 वर्ष हो जाएगी, जबकि सेवानिवृत्ति की आयु सीमा 50 साल से बढ़ाकर 60 वर्ष होगी।
संशोधित एक्ट में यह की गई है व्यवस्था
स्वयं सेवकों को अन्य विभागों और संस्थानों में कर्तव्य पालन के लिए बुलाने पर, उनके दैनिक भत्तों का भुगतान संबंधित विभाग और संस्थान करेंगे। इसके लिए, संबंधित विभाग और संस्थान द्वारा आवश्यक धनराशि की व्यवस्था के लिए बजट में प्रावधान किया जाएगा, जैसा कि नियमों के अनुसार किया जाता है।
राजभवन से इन विधेयकों को भी मिली मंजूरी
सचिव राज्यपाल रविनाथ रमन के मुताबिक, उत्तराखंड संयुक्त प्रांतीय रक्षक दल अधिनियम संशोधन विधेयक के साथ ही जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था, जीएसटी, विनियोग विधेयक को भी मंजूरी मिली है। अन्य संशोधन विधेयकों का परीक्षण भी विचार किया जा रहा है।
पीआरडी एक्ट में संशोधन के बाद, नए पंजीकरण की स्थिति पर विचार किया जाएगा। इसके माध्यम से पीआरडी के अंतर्गत कर्मचारियों के लिए नौकरी के नए अवसर अन्य विभागों में भी उपलब्ध होंगे।
– रेखा आर्य, युवा कल्याण मंत्री
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