देहरादून- सुबे के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने वीरवार को देहरादून के ग्राम पंचायत हरिवालाखुर्द के जैंतनवाला में “सरकार किसान के द्वार ” के अन्तर्गत कृषि एवं रेखीय विभागों द्वारा आयोजित कृषक महोत्सव रबी – 2023 का शुभारंभ किया।
वर्तमान में कृषि योग्य भूमि 6.21 लाख हेक्टेयर पर घट गई है, लेकिन खाद्यान्न उत्पादन वृद्धि करके 19.23 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है, जिससे स्पष्ट होता है कि हमारे कृषि वैज्ञानिकों, किसानों, और विभाग के साथ-साथ खाद्यान्न उत्पादन के क्षेत्र में सराहनीय प्रयास किए गए हैं। इस लिए, भारत सरकार ने उत्तराखण्ड सरकार को 2017-18 के लिए खाद्यान्न उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ राज्य के कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया है। वर्ष 2025-26 में प्रदेश को 22.59 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न की आवश्यकता होगी, और मैं आशा करता हूँ कि इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए विभाग विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कठिन प्रयास करेंगे। मंत्री ने यह भी बताया कि 2017-18 से 2022-23 तक 3050 कृषि मशीनरी बैंक और कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किए गए हैं। 2030 तक, प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों के समस्त 6787 ग्राम पंचायतों में फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने मिलेट फसलों को प्रोत्साहित करने और आम जनमानस के आहार में शामिल करने के लिए रुपए 73.16 करोड़ की धनराशि से स्टेट मिलेट मिशन को 2023-24 से 2027-28 तक चलाने की अनुमति दी है।
मिशन अन्तर्गत कृषकों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मण्डुवा एवं सॉवा का क्रय सहकारिता विभाग के माध्यम से किया जाना सुनिश्चित किया गया है, तथा कृषको को कलैक्शन सेन्टर पर मण्डुवा अन्तः ग्रहण कराने पर रु० 150.00 प्रति कु0 प्रोत्साहन धनराशि भी दी जायेगी। वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु 16500 मै0टन मण्डुवा फसल का कृषकों से अन्तःग्रहण किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश के अन्तर्गत वर्तमान में लगभग 2.23 लाख है० भूमि पर जैविक खेती का कार्य किया जा रहा है,जिसके अन्तर्गत प्रदेश के परम्परागत फसलों जैसे मण्डुवा, सांवा, भट्ट, गुड, बासमती चावल आदि का उत्पादन कराया जा रहा है जिसका विपणन “आर्गेनिक उत्तराखण्ड ” एवं ” नमामि गंगे’ ब्रान्ड के अन्तर्गत किया जा रहा है।
उक्त के अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा 6400 है0 भूमि पर ‘प्राकृतिक खेती’ की योजना चलाने हेतु स्वीकृति प्रदान की गयी है, तथा राज्य सरकार द्वारा गंगा कॉरिडोर में 1950 है0 भूमि पर प्राकृतिक खेती का संचालन किया जायेगा। केन्द्र के तर्ज पर प्रदेश सरकार द्वारा भी राज्य में “मुख्यमंत्री प्राकृतिक कृषि योजना” प्रारम्भ की जा रही है, जिससे अधिक से अधिक क्षेत्र को प्राकृतिक कृषि के अन्तर्गत आच्छादित किया जा सके। उन्होंने कहा शीघ्र ही गंगा नदी स्वच्छता कार्यक्रम के तहत प्रदेश सरकार द्वारा “नमामि गंगे प्राकृतिक कृषि कोरिडोर योजना” प्रारम्भ की जा रही है। मंत्री ने भोरसा जताते हुए कहा कि भारत सरकार के सहयोग तथा प्रदेश सरकार के प्रयासों से कृषकों की आर्थिकी मे सुधार होगा।
इस अवसर पर कृषि महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान, निदेशक कृषि के.सी.पाठक, जिला अध्यक्ष किसान मोर्चा मातवर सिंह बिष्ट, ग्राम प्रधान सागर सिंह, नैन सिंह पंवार, संध्या थापा, लीला शर्मा, प्रेम सिंह पंवार, निर्मला थापा, गिरीश उनियाल सहित कृषि विभाग के अधिकारी व हजारो किसान उपस्थित रहे।
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