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PM मोदी ने की CM धामी से बात, सुरंग में फंसी 41 जिंदगियों के रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना की ली जा सकती है मदद

Tunnel Accident Rescue Operation: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 लोगों के रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से बात की है। उन्होंने राज्य सरकार को हर संभव मदद का भरोसा दिया है।

 

Uttarkashi Tunnel Accident Rescue Operation: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 लोगों को बचाने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन ने अब तक 9 दिनों तक जारी रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत की, जिसमें उन्होंने सुरक्षित राहत और बचाव कार्यों की जानकारी प्राप्त की। प्रधानमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक बचाव उपकरण और संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं और केंद्र और राज्य एजेंसियों के सहयोग से मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा। सूत्रों के अनुसार, रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना की मदद भी की जा सकती है।

पीएम मोदी ने इस अधिकारी पर जताया भरोसा

प्रधानमंत्री कार्यालय ने सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए पीएमओ के उप सचिव, मंगेश घिल्डियाल को उत्तरकाशी घटनास्थल पर भेजा गया है। मंगेश घिल्डियाल उत्तराखंड के मूल निवासी हैं और प्रधानमंत्री मोदी के एक भरोसेमंद अधिकारी के रूप में माने जाते हैं। उन्होंने रुद्रप्रयाग में जिलाधिकारी के रूप में सेवाएं दी हैं और केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभाई है। उन्हें जोशीमठ हादसे के समय भी उपयुक्त दिखाया गया था। टनल हादसे के रेस्क्यू अभियान में गति लाने और इस कार्य को समाप्त करने की जिम्मेदारी मंगेश घिल्डियाल को सौंपी गई है।

इन 6 विकल्पों पर किया जा रहा काम

 

सुरंग में फंसे लोगों के लिए भेजे गए मल्टीविटामिन और सूखे मेवे

सुरंग में फंसे लोगों के लिए सूखे मेवे और मल्टीविटामिन भेजे गए हैं। इसके अलावा कुछ जरूरी दवाएं भी भेजी गई हैं। इन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रेलवे के माध्यम से गुजरात और ओडिशा से उपकरण मंगाए गए हैं। क्योंकि 75-टन उपकरण होने के कारण इसे हवाई मार्ग से नहीं ले जाया जा सकता था। जानकारी के मुताबिक जिस क्षेत्र में मजदूर फंसे हुए हैं, वह 8.5 मीटर ऊंचा और दो किलोमीटर लंबा है। इसमें सुरंग का निर्मित हिस्सा शामिल है जहां कंक्रीटिंग का काम पूरा हो गया है, जिससे ही इन श्रमिकों को सुरक्षा मिली हुई है।

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