आज है उन श्रमिकों के रेस्क्यू का 14वां दिन, जो सुरंग में फंसे हैं। शासन प्रशासन जारी है उन्हें बाहर निकालने के लिए जड़ों से प्रयासरत है। हालांकि, मशीन में हुए नुकसान के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन अब ठप है। अब वर्टिकल ड्रिलिंग की तैयारी शुरू की गई है।
श्रमिकों का बढ़ाया हौसला
शनिवार को कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सिलक्यारा पहुंचे। मौके पर पहुंचकर उन्होंने रेस्क्यू अभियान का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने टनल में फंसे श्रमिकों से ऑडियो के जरिए बात की। श्रमिकों से बात कर उन्होंने उनका हौसला बढ़ाया।
श्रमिकों तक पहुंचने में लग सकता है समय
सुरंग के अंदर टूटी मशीन की ब्लेड को काटकर बाहर निकालने का काम चल रहा है। बताया जा रहा है इसमें कल तक का समय लगेगा। इसके बाद टनल में मशीन के बजाय केवल मैन्युअल काम ही होगा। जिसमें 24 घंटे तक का समय लगने का अनुमान है। माना जा रहा है की अगले दो से तीन दिन तक मजदूरों को सुरंग के अंदर ही इंतजार करना होगा।
ऑगर मशीन से ड्रिलिंग संभव नहीं :अर्नाल्ड डिक्स
टनल विशेषज्ञ अर्नाल्ड डिक्स के मुताबिक ऑगर मशीन के ब्लेड्स टूट रहे हैं। इससे अब ड्रिलिंग संभव नहीं है। अब दूसरे विकल्प का ही रास्ता बचा है। वर्टिकल, दूसरे छोर से और मैनुअल खुदाई करेगी। यानि रेस्क्यू अभी लंबा खींचेगा l तीन दिन और लग सकते हैं।
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