उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा सुरंग से निकाले गए श्रमिकों को हेलीकॉप्टर से बुधवार को ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) लाया गया जहां उनका गहन स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा।
भारतीय वायु सेना ने चिनूक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करके 41 श्रमिकों को सफलतापूर्वक चिन्यालीसौड़ से एम्स ऋषिकेश तक पहुंचाया। यह मिशन केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न एजेंसियों द्वारा चलाए गए युद्धस्तरीय बचाव अभियान का हिस्सा था।
इन 41 श्रमिकों को सुरंग में फंसे होने के बाद 17 वें दिन, मंगलवार रात को सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया था। उन्हें सुरंग से बाहर निकालते ही सिलक्यारा से 30 किलोमीटर दूर स्थित चिन्यालीसौड़ अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें चिकित्सकीय देखभाल दी गई थी।
सभी श्रमिक स्वस्थ हैं लेकिन दो हफ्ते से ज्यादा वक्त तक सुरंग में फंसे रहने के कारण संभावित स्वास्थ्य परेशानियों के दृष्टिगत उन्हें एम्स ऋषिकेश लाया गया है।
इससे पहले एम्स ऋषिकेश के एक अधिकारी ने बताया कि श्रमिकों को पहले ट्रॉमा वार्ड में ले जाया जाएगा। उन्होंने बताया कि वहां से उन्हें 100 बिस्तरों वाले आपदा वार्ड में स्थानांतरित कर दिया जाएगा जहां उनके स्वास्थ्य के सभी मानकों की जांच की जाएगी।
उन्होंने बताया कि अस्पताल में श्रमिकों के स्वस्थ्य परीक्षण के लिए सभी सुविधाएं और चिकित्सक मौजूद हैं ।
इससे पहले, चिन्यालीसौड़ अस्पताल में श्रमिकों से मिलकर उनका हालचाल लेने के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि सभी लोग स्वस्थ और प्रसन्न हैं लेकिन डॉक्टरों के परामर्श पर उन्हें जांच के लिए एम्स ऋषिकेश भेजा जा रहा है ।
चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह जाने से उसमें 41 श्रमिक फंस गए थे जिन्हें युद्धस्तर पर चलाए गए बचाव अभियान के बाद मंगलवार को सकुशल बाहर निकाल लिया गया।
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