40 श्रमिक, जो सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे हैं, उन्हें बचाओ अभियान के तहत बाहर निकालने की कोशिशें पाँच दिन से जारी हैं। आज, केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने इस स्थिति की समीक्षा करने के लिए पहुंचे हैं और यहां चल रहे बचाओ अभियान की प्रगति का मौन जायजा लिया। सीएम धामी ने भी अपने अधिकारियों के साथ एक मीटिंग की है, जिसमें उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं।
उत्तरकाशी। पिछले पांच दिनों से उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्थित सिलक्यारा सुरंग में फंसे हुए 40 लोगों की स्थिति गंभीर है। इस हादसे में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए चल रहे “बचाओ अभियान” का युद्ध स्तर पर संज्ञान लिया जा रहा है। सुरक्षा कर्मियों ने सुरंग के 200 मीटर क्षेत्र में आम लोगों और मीडिया की पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया है, जिससे यह सुनिश्चित होने का प्रयास किया जा रहा है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में कोई बाधा ना हो।
इस रेस्क्यू ऑपरेशन में, न केवल दूसरे राज्यों के बल्कि दूसरे देशों की टीमें भी मदद के लिए शामिल हो रही हैं। सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस ऑपरेशन के प्रगति को पल-पल की अपडेट के साथ निरंतर नजर रख रहे हैं। गुरुवार को, सीएम धामी ने अपने अधिकारियों से एक बार फिर से अपडेट प्राप्त की, जिससे स्थिति की नवीनता बनी रहे।
सीएम धामी ने की समीक्षा बैठक
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक में मुख्यमंत्री पिछले पांच दिनों से सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए चल रहे राहत और बचाव कार्य की समीक्षा कर रहे हैं।
रेस्क्यू के लिए लाई जा रही हैं नई मशीनें
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सिलक्यारा उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे व्यक्तियों को निकालने का काम तेजी से चल रहा है। इसके लिए नई मशीनें लाई गई हैं। इन मशीनों से पांच से 10 मीटर तक की ड्रिलिंग हो चुकी है। उन्होंने कहा कि ये मशीन हर घंटे पांच से 10 मीटर ड्रिल करती है। ऐसे में उम्मीद है कि अंदर फंसे सभी व्यक्तियों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।
वीके सिंह पहुंचे उत्तरकाशी
वहीं दूसरी ओर आज केंद्रीय मंत्री वीके सिंह भी उत्तरकाशी पहुंचे। घटनास्थल का जायजा लेने के बाद उन्होंने कहा कि इन मजदूरों को सही सलामत बाहर निकालने के लिए हम सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।
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