देहरादून: खेल मैदानों के निर्माण और उनके सुधारीकरण में पूर्व में होने वाली व्यवहारिक समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, खेल मंत्री रेखा आर्य ने निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने सरलीकरण, समाधान, और निराकरण के लक्ष्य को पूरा करते हुए खेल मैदानों के निर्माण की स्वीकृति दी है। उनके अनुसार, पूर्व में विद्यालयों और महाविद्यालयों में होने वाली व्यवहारिक समस्याओं के समाधान के लिए स्थल चयन समिति में शिथिलीकरण होना चाहिए, जिससे विकास कार्यों और खेल मैदान निर्माण में कोई देरी नहीं हो। उन्होंने कहा कि पहले की प्रक्रिया, जो 10 दिनों में पूरी होती थी, वह व्यवहारिक नहीं थी, और इससे निर्माण कार्यों में बड़ी देरी हो रही थी, इसलिए उन्होंने निर्देश दिया है कि विद्यालयों और महाविद्यालयों के खेल मैदानों के निर्माण और सुधारीकरण में शिथिलीकरण की प्रक्रिया को अपनाया जाए।
बता दे कि पूर्व में वित्त विभाग द्वारा 12 जून, 2023 को यह शासनादेश जारी किया गया था जिसके अनुसार विद्यालयों में खेल मैदानों के निर्माण / जीर्णोद्धार किये जाने में स्थल चयन समिति की रिपोर्ट की अनिवार्यता को बाध्यकारी बनाया गया और विद्यालयों में खेल मैदान के निर्माण हेतु सम्बन्धित विद्यालयों के प्रधानाचार्य के माध्यम से मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जिला युवा कल्याण अधिकारी को उपलब्ध कराया जाता है, जो कि खेल मैदान निर्माण हेतु भूमि की विभागीय अनापत्ति के रूप में मान्य एक प्रमाणित दस्तावेज है।
खेल मंत्री ने बताया कि स्थल चयन समिति की आख्या उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में अत्यधिक समय लगता है जबकि पूर्व में यह सम्पूर्ण प्रक्रिया अधिकतम मात्र 10 दिनों में पूर्ण हो जाती थी लेकिन वर्तमान व्यवस्था में 06 चरणों में स्थल चयन समिति अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करती है। इन 06 चरणों में स्थल चयन समिति में न्यूनतम 03 माह का समय लग रहा है। निर्माण कार्य प्रारम्भ होने में अनावश्यक विलम्ब हो रहा है और वर्तमान में यह स्थिति व्यवहारिक भी नहीं है।
ऐसे में खेल मंत्री ने निर्देश दिए कि जल्द से जल्द विद्यालयों / महाविद्यालयों में खेल मैदानों के निर्माण/जीर्णोद्धार में आ रही दिक्कतों को दूर करते हुए उक्त सीमा तक शिथिलीकरण की कार्यवाही की जाए।
Share this content: