डॉ0 आशीष चौहान ने कलेक्ट्रेट सभागार में राजस्व की मासिक स्टाफ समीक्षा बैठक ली। उन्होंने बैठक में क्रमवार राजस्व, पुलिस, रेगुलर पुलिस, पूर्ति विभाग, सब रजिस्ट्रार, परिवहन, आबकारी विभाग आदि से राजस्व वसूली, गतिमान वादों का विवरण प्राप्त करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने लंबित राजस्वों वादों को कोर्ट के माध्यम से समय पर निस्तारण करने के निर्देश समस्त उपजिलाधिकारी व तहसीलदारों को दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि 3 से 5 वर्षों से लंबित वादों के निस्तारण के लिए अगले 7 दिन में विशेष फोकस करते हुए मामलों का निस्तारण करें। जिलाधिकारी ने लंबित भूमि मामलों का निस्तारण तेजी से पूर्ण करने के निर्देश उपजिलाधिकारियों को दिये। बैठक में सब-रजिस्ट्रार द्वारा अद्यतन आंकड़े व जिलाधिकारी के सम्मुख रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने पर स्पष्टीकरण तलब किया।
जिलाधिकारी ने समस्त उपजिलाधिकारियों को बारातघरों की बुकिंग ऑनलाइन करवाने, सिंगल यूज प्लास्टिक उन्मूलन करने हेतु नियमित छापेमारी करने और सड़क सुरक्षा के मानकों के उल्लघंन पर चालानी कार्यवाही बढ़ाने के निर्देश दिये। धुमाकोट क्षेत्र में चैकिंग अभियान की संख्या कम होने पर उन्होंने तहसीलदार को चेतावनी देते हुए कहा कि नियमित रूप से वाहनों की चैकिंग करना सुनिश्चित करें। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कहा कि वसूली के कार्यों की प्रगति बढ़ाये तथा बड़े बकायादारों पर वसूली की कार्यवाही तेजी से करें। उपजिलाधिकारी सतपुली द्वारा राजस्व वसूली की प्रगति नहीं बढ़ाने पर वेतन रोकने व अन्य उपजिलाधिकारियों को चेतावनी देते हुए राजस्व वसूली की प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने समस्त नगर निकायों के अधिकारियों को स्लाटर हाउस की रिपोर्ट एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। जिलाधिकारी ने समस्त पटल सहायकों को निर्देश दिये कि अपने स्तर पर कोई भी मामला लंबित न रखें।
बैठक में अपर जिलाधिकारी ईला गिरी, संयुक्त मजिस्ट्रेट अनामिका, नगर आयुक्त कोटद्वार वैभव गुप्ता, उपजिलाधिकारी श्रीनगर नूपुर वर्मा, कोटद्वार सोहन सिंह, चौबट्टाखाल नवाजीश खलीक, लैंसडौन शालिनी मौर्य, तहसीलदार सतपुली सुधा डोभाल, धुमाकोट विकास अवस्थी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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