प्रदेश के शिक्षकों और कर्मचारियों को राहत मिली है। अब आसानी से पारस्परिक तबादले हो सकेंगे। इसके लिए तबादला अधिनियम में बदलाव किया गया है। तबादला कानून अब तक केवल सुगम से दुर्गम, सुगम से दुर्गम और सुगम से दुर्गम क्षेत्रों में पारस्परिक तबादलों की अनुमति देता था, लेकिन कर्मचारियों की मांग पर शासन ने कानून को बदलकर सुगम से सुगम क्षेत्रों में पारस्परिक तबादलों की अनुमति दी।
2017 में उत्तराखंड लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम में संशोधन किया गया है। तबादला अधिनियम के तहत सुगम से सुगम स्थानांतरण भी किया जा सकता है, लेकिन इसके बाद कर्मचारियों की वर्तमान सुगम सेवा अवधि तैनाती स्थल से जोड़ी जाएगी।
इस संबंध में सचिव कार्मिक शैलेश बगौली ने आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि तबादला एक्ट के तहत पारस्परिक तबादले भी सुगम से सुगम में किए जा सकते हैं, लेकिन इसके बाद कर्मचारियों की वर्तमान सुगम सेवा अवधि तैनाती स्थल से जोड़ी जाएगी। दोनों स्थानों पर चार वर्ष की सेवा पूरी होने पर कार्मिक स्थानांतरण अधिनियम की धारा 7(क) की श्रेणी में माने जाएंगे।
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