देहरादून। ग्रामीण पर्यटन स्थलों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों के चिह्निकरण के लिए एक प्रतियोगिता शुरू की गई है। प्रतियोगिता में इसबार ग्रामीण होम स्टे को भी शामिल किया गया है। यह जानकारी सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने दी।
महाराज ने बताया कि बताया कि भारत सरकार द्वारा गांवों के सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह एक अभिनव पहल की गई है। ग्रामीण पर्यटन स्थलों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2024 के लिए सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों के साथ ही इस बार होम स्टे को भी चिह्नित व विकसित करने के लिए प्रतियोगिता प्रारम्भ की गई है।
उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में होम स्टे के तहत वाइब्रेंट विलेज, ग्रीन, समुदाय द्वारा संचालित होम स्टे, महिला नेतृत्व वाली इकाई, विरासत और संस्कृति पर आधारित होम स्टे, फार्म स्टे, कॉटेज, आयुर्वेदिक और कल्याण, वर्नाक्यूलर आर्किटेक्चर, (एक्स) जैसे सर्वश्रेष्ठ ग्रामीण होम स्टे के अलावा सभी समावेशी प्रथाओं जैसे क्लस्टर, जिम्मेदार आचरण, ट्री हाउस और विला को सर्वात्तम ग्रामीण होमस्टे की श्रेणियां के तहत शामिल किया गया है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि विरासत, कृषि पर्यटन, शिल्प, जिम्मेदार पर्यटन, जीवंत गांव, साहसिक पर्यटन, समुदाय-आधारित पर्यटन, कल्याण श्रेणी की थीम आधारित होम स्टे सर्वात्तम पर्यटन गांव के तहत अपना नामांकन कर सकते हैं।
महाराज ने कहा कि हमारे लिए यह गौरव का विषय है कि 27 सितंबर 2023 को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर भारत सरकार द्वारा उत्तराखंड के ग्राम सरमोली, मुनस्यारी को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम के रूप में पुरस्कृत किया गया था। इस बार भी निश्चित रूप से उत्तराखंड को यह अवसर मिलेगा।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि जो भी गांव और होम स्टे प्रतियोगिता में प्रतिभाग करना चाहते हैं वह वेबसाइट www.rural.tourism.gov.in पर 31 जनवरी 2024 तक आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा प्रतियोगिता से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए हमारे प्रदेश के नोडल अधिकारी एवं अपर निदेशक पर्यटन से भी संपर्क किया जा सकता है।
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