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सेना प्रमुख ने जम्मू और कश्मीर में एलओसी पर परिचालन तैयारियों की समीक्षा की।

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पूंछ में क्षेत्र कमांडरों की बैठक की अध्यक्षता

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पूंछ में क्षेत्र कमांडरों की एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की और अग्रिम क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण भी किया। अधिकारियों ने बताया कि सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) के साथ सुरक्षा स्थिति और सैनिकों की परिचालन तैयारियों की गहन समीक्षा की।

सेना प्रमुख का जम्मू दौरा

जनरल उपेंद्र द्विवेदी, जिन्होंने 30 जून को भारतीय सेना के 30वें प्रमुख का पदभार ग्रहण किया, बुधवार सुबह जम्मू पहुंचे। जम्मू पहुंचने के बाद वे सीमा जिले पूंछ के लिए रवाना हुए। उनके साथ उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल सुचिन्द्र कुमार और जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, लेफ्टिनेंट जनरल नवीन सचदेवा भी थे। सेना प्रमुख ने पूंछ में क्षेत्र कमांडरों की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उन्होंने सीमा सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और सैनिकों की तैयारियों का जायजा लिया। इसके बाद, उन्होंने अग्रिम क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया, जिससे उन्हें सीमा की स्थिति का सीधा और वास्तविक अनुभव प्राप्त हुआ।

पूर्व सैनिकों के साथ बातचीत

सेना प्रमुख ने 93 इन्फेंट्री ब्रिगेड में कुछ पूर्व सैनिकों के साथ भी बातचीत की। इस बातचीत के दौरान, उन्होंने पूर्व सैनिकों के अनुभवों को सुना और उनकी समस्याओं और सुझावों पर विचार-विमर्श किया। जनरल द्विवेदी ने पूर्व सैनिकों की सेवाओं की सराहना की और उन्हें आश्वस्त किया कि सेना उनके कल्याण के लिए हमेशा तत्पर है।

जम्मू वापसी और दिल्ली रवाना

जनरल द्विवेदी, जिन्होंने 2022 से 2024 तक उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में सेवा की, बाद में जम्मू वापस लौटे। अधिकारियों ने बताया कि वे बुधवार शाम को दिल्ली लौटने वाले हैं। जम्मू-कश्मीर दौरे के दौरान उन्होंने विभिन्न सुरक्षा मुद्दों और सैनिकों की तैयारियों का बारीकी से निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

दौरे का महत्व

जनरल द्विवेदी का जम्मू और कश्मीर का दौरा इस समय विशेष महत्व रखता है। यह दौरा अमरनाथ यात्रा और जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियानों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। सेना प्रमुख ने इन अभियानों की समीक्षा की और आतंकवादियों के प्रयासों को नाकाम करने के लिए रणनीतिक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने सैनिकों को सतर्क रहने और हर चुनौती का मुकाबला करने के लिए प्रेरित किया। जनरल द्विवेदी ने यह भी जोर दिया कि भारतीय सेना किसी भी आपात स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है और देश की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी।

 

जनरल द्विवेदी का यह दौरा न केवल सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि सैनिकों और पूर्व सैनिकों के साथ उनके संवाद और समस्याओं के समाधान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। उनके इस दौरे से सैनिकों में नई ऊर्जा का संचार हुआ और उन्हें अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रोत्साहन मिला।

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