गढ़वाल। राज्य निर्वाचन आयोग की मनमानी के चलते एक शिक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है। गुरु जी को पूर्व मख्यमंत्री व कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत के साथ फोटो खिंचवाना महंगा पड़ गया।
शिक्षा विभाग के द्वारा एक शिक्षक को केदारनाथ चुनाव के दौरान विपक्ष के नेताओं के साथ खड़े होने पर निलंबित कर दिया है, जबकि इसी प्रकार का एक मामला राजस्थान चुनाव के दौरान भी सामने आया था जब चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी रामकुमार शर्मा राजस्थान में चिकित्सा शिक्षा मंत्री उत्तराखंड धन सिंह रावत के साथ दिखाई दिए थे।। मामला सामने आने के बाद कार्रवाई के नाम पर विभागीय अधिकारियों के द्वारा पहले चुप्पी साधी गई और बाद में निर्वाचन आयोग में शिकायत के बाद स्पष्टीकरण ले कर मामला रफा दफा कर दिया गया। जबकि मामला निर्वाचन आयोग की दहलीज पर पहुंचते ही संबंधित लोगों से जवाब मांगे तलब किए थे। लेकिन कार्रवाई के नाम पर आज हालात जस के तस ही है। हालांकि कर्मचारी सेवा नियमावली की बात की जाए तो कर्मचारियों को किसी भी सूरत में चुनाव के दौरान राजनीति कार्यक्रमों में जाने की इजाजत नहीं मिलती। लेकिन फिर कुछ मुलाजिम इसका उल्लंघन करने से बाज नहीं आते। केदारनाथ चुनाव के दौरान सस्पेंड किए गए शिक्षक विपक्ष के नेता के साथ खड़े दिखे तो कार्रवाई अमल में लाई गई जबकि सत्ता पक्ष के नेताओं के साथ खड़े होने पर जवाब तलब करने के बाद अब उन्हें चंपावत से हटा कर पौड़ी नर्सिंग कॉलेज की जिम्मेदारी दी गई है।
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