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उत्तरकाशी में तीन बार महसूस किए गए भूकंप के झटके, घरों और दुकानों से बाहर भागे लोग

उत्तरकाशी में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि भूकंप से अभी जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है।

विस्तार

उत्तरकाशी में रविवार को तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। पहला झटका 12 :37 पर महसूस किया। जबकि दूसरा 12.54 और तीसरा झटका 2:20 पर महसूस किया गया। इस दौरान लोग अपने घरों और दुकानों से बाहर की और दौड़ पड़े।

रविवार को उत्तरकाशी में तीन बार आए भूकंप के झटके की रिएक्टर स्केल पर तीव्रता 3.6 मापी गई है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि भूकंप से अभी जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। जनपद मुख्यालय , मनेरी, मातली, जोशियाड़ा, भटवाड़ी क्षेत्रान्तर्गत भूकंप के झटके महसूस किए गए।

भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा जिस पर किसी का जोर नही चलता. यह प्राकृतिक आपदा बिना कहे किसी भी जगह आजाती है जोकि, भारी जन-धन की हानि के साथ सब दूर तबाही मचा देती है.

  • भूकंप क्या है?
  • भूकंप तरंगो के प्रकार
  • भूकंप से सुरक्षा कैसे करे?

भूकंप क्या है? (earthquake information in hindi)

भूकंप, पृथ्वी की निचली सतह मे, अचानक से कंपन्न उत्पन्न होना जिससे, पृथ्वी की सतह भाग की परतों मे गैसों के असंतुलन के कारण जो वेग उत्पन्न होती है, उन्हीं वेगों के माध्यम से संपीडन उत्पन्न होता है. तथा धरातल की उपरी सतह पर हलचल शुरू होती है. उसके साथ ही वेगों की तीव्रता की गति के अनुसार, पृथ्वी की उपरी सतह फटना व धीरे-धीरे धसना शुरू होती है. कभी-कभी भूकंप की तीव्रता की गति इतनी होती है कि, भवन,इमारते गिर जाती है. जलाशयों मे उफान आ जाता है तथा कई बार सुनामी तथा भूस्खलन तक का कारण भी भूकंप बन जाता है.

भूकंप को सिसमोमीटर से नापा जाता है.

भूकंप की गणना रिएक्टर मे होती है. दो-तीन रिएक्टर सामान्य माना जाता है जबकि, सात तथा उससे रिएक्टर बहुत ही तीव्र व खतरनाक भूकंप माने जाते जो कि, भारी तबाही के रूप होते है.

भूकंप का कारण (Cause of Earthquake)

भूकंप उत्पन्न होने का मुख्य कारण ही तरंग होता है. धरातल की निचली सतह मे तरंगों का उत्पन्न होना, उन्ही तरंगो का असर उपरी सतह पर दिखाई देता है. बिल्कुल उसी तरह तरंगो की तीव्रता आने वाले भूकंप का असर दिखाती है.

तरंग के प्रकार

  1. प्राथमिक तरंग (Primary or P waves)
  2. माध्यमिक तरंग (Secondary, S or Shear Waves)
  3. सतह तरंग (L or Surface Waves)

प्राथमिक तरंग (Primary or P waves) – भूकंप की सबसे प्रारंभिक शुरूवात जिसमें नुकसानी नही होती है. यह सामान्यतया शून्य से तीन रिएक्टर तक पृथ्वी पर कपंन उत्पन्न होता है.

माध्यमिक तरंग (Secondary, S or Shear Waves) – माध्यमिक तरंग दूसरा ऐसा पड़ाव है जिसमें व्यक्ति होशियारी से काम ले तो संभला भी जा सकता है.

चार से सात रिएक्टर तक जिसमें सबसे पहले समान हिलने लगता है जैसे- फर्नीचर, वाहन घर का व अन्य समान तथा दीवारों मे दरार आजाती है, घरों की खिड़कियाँ हिलने लगती है.

सतह तरंग (L or Surface Waves) – भूकंप की सबसे खतरनाक तरंग जोकि, भारी तबाही मचाती है तथा सब कुछ खत्म कर देती है. कई बार तो इनका रूप इतना भयावर होता है कि , आस-पास सिर्फ विनाश ही दिखाई देता है. सात से ज्यादा रिएक्टर होते हुये आठ,नौ,दस रिएक्टर तक पार हो जाता है, जिसमे-

बड़े-बड़े भवन व इमारते तथा पुल गिर जाते है, बाढ़,सुनामी तक आजाते है. इसमे कुछ भी बचने की सम्भावना बिल्कुल नही के बराबर होती है.

भूकंप से सुरक्षा कैसे करे?

यदि योजना बना कर काम करे तो, किसी भी संकट से बचा जा सकता है. ठीक उसी प्रकार भूकंप आने के दौरान तथा उसके बाद भी सुरक्षा तथा सावधानी रखी जा सकती है.

 

  • भूकंप के आते ही जैसे ही हलका सा भी कंपन्न महसूस करे घर ,ऑफिस या बंद बिल्डिंग से बहार रोड पर या खुले मैदान मे खड़े हो जाये.
  • घर मे गैस सिलेंडर तथा बिजली का मेन स्वीच निकाल दे.
  • ना तो वाहन चलाये , न ही वाहनों मे यात्रा करे.
  • कही भी सुरक्षित तथा ढके हुए स्थान पर खड़े हो जाये.
  • किसी भी गहराई वाले स्थान, कुए ,तालाब,नदी,समुद्र, तथा कमजोर व पुराने घर के पास खड़े ना होए.

भूकंप आने से पहले, वैज्ञानिको द्वारा की गई भविष्यवाणी तथा प्राक्रतिक संकेतों पर भी ध्यान दे, सुरक्षा तथा सावधानी बरते व भूकंप से बचे.

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