पशुपालकों भूसे पर मिलेगी 50 फीसदी सब्सिडी, पशु आहार पर अनुदान में हुई बढ़ोतरी

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Cattlemen will get 50 percent subsidy on straw, increase in grant on animal feed
Cattlemen will get 50 percent subsidy on straw, increase in grant on animal feed


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उत्तराखंड सरकार ने पशुपालकों को राहत दी है। पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में पशुआहार (साइलेज) पर मिलने वाली अनुदान में प्रति किलो. दो रुपये की बढ़ोतरी की गई है। अब पर्वतीय क्षेत्रों में छह रुपये और मैदानी क्षेत्रों में चार रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा सहकारिता विभाग की तर्ज पर दुग्ध विकास विभाग के माध्यम से दिए जाने वाले साइलेज पर 75 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। पहली बार पशुचारे के लिए भूसे पर भी 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी।

 

प्रदेश में लगभग आठ लाख से अधिक पशुपालक हैं। इसमें 52 हजार से अधिक दुग्ध उत्पादक सीधे सहकारी समितियों के माध्यम से जुड़े हैं। सरकार की ओर से वर्तमान में पशुआहार पर पर्वतीय क्षेत्रों में चार रुपये व मैदानी क्षेत्रों में दो रुपये प्रति किलो. अनुदान दिया जा रहा है। अब इसे बढ़ाकर पर्वतीय क्षेत्रों में छह रुपये और मैदानी क्षेत्रों में चार रुपये प्रति किलो. करने की कैबिनेट ने मंजूरी दी है।

पशुपालकों को सहकारिता विभाग के माध्यम से साइलेज पर 75 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है। दुग्ध विकास विभाग के माध्यम से 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। अब सरकार ने दुग्ध विकास विभाग से मिलने वाली सब्सिडी को बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया है। भूसे के दरों में बढ़ोतरी होने से पहली सरकार की ओर से 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। इससे 1600 रुपये प्रति क्विंटल भूसा सब्सिडी पर 800 रुपये में मिलेगा।

 

उत्तराखंड में सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकने वालों को अब जेल तो नहीं होगी लेकिन दो हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा। कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड कूड़ा फेंकना एवं थूकना प्रतिषेध अधिनियम 2016(संशोधन) विधेयक 2022 को मंजूरी दे दी।

दरअसल, अभी तक इस अधिनियम में यह प्रावधान था कि अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर कूड़ा फेंकता है या थूकता है तो उसे छह माह का कारावास और 500 रुपये जुर्माने की सजा मिलती थी। अब इस अधिनियम की धारा 9(1) और धारा 9(2) में संशोधन कर दिया गया है।

इसके तहत कारावास के प्रावधान को खत्म कर दिया है। लेकिन कूड़ा फेंकने या थूकने पर अब 500 के बजाए दो हजार रुपये जुर्माना लगेगा। अगर वह व्यक्ति एक बार जुर्माना लगाने पर भी नहीं मानता तो उसे रोजाना दो हजार रुपये की दर से जुर्माना भरना पड़ेगा।