मुख्यमंत्री जी आप हैं स्वास्थ्य मंत्री ,फिर भी सरकारी चिकित्साधिकारियों के 43% पद खाली क्यों ? – भावना पांडे , राज्य आंदोलनकारी

मुख्यमंत्री जी आप हैं स्वास्थ्य मंत्री ,फिर भी सरकारी चिकित्साधिकारियों के 43% पद खाली क्यों ? – भावना पांडे , राज्य आंदोलनकारी

 

प्रदेश में स्वीकृत हैं 80 दन्त चिकित्सक  33 चिकित्साधिकारी लंबे समय से हैं गैरहाजिर

स्वास्थ्य महानिदेशालय ने वकील नदीम उद्दीन के सवालों पर दी जानकारी 

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोेकेट) ने उत्तराखंड केे चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेेशालय के लोेक सूचना अधिकारी सेे महानिदेशालय के अन्तर्गत सरकारी अस्पतालों आदि में चिकित्सा अधिकारियों के स्वीकृत, कार्यरत व रिक्त पदों की सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में लोक सूचना अधिकारी/संयुक्त निदेशक (प्रशासन) राजीव सिंह पाल ने पदोें की ताज़ा जानकारी साझा की है।

 

दी गई जानकारी बताती है कि उत्तराखंड में चिकित्साधिकारियों केे कुल 2735 स्वीकृत पद हैै, जिसमें 1560 पदों पर ही चिकित्सा अधिकारी कार्यरत है जबकि 43% यानी  1175 पद अभी भी खाली है। इसके साथ ही 80 चिकित्सा अधिकारी (दन्त चिकित्सक) स्वीकृत पदोें सेे अधिक है और  33 नियमित चिकित्सा अधिकारी अनुुपस्थित है। काम चलाऊ व्यवस्था केे अन्तर्गत 374 संविदा चिकित्सा तथा 118 अन्य स्रोतों से कार्यरत चिकित्सक कार्यरत है। इन सबको मिलाकर भी देखा जाए तो 23 फीसदी यानि 636 पद आज भी बिल्कुल रिक्त पड़ा है।

 

ये हालत आज बीस बरस से ज्यादा गुज़र जाने के बाद देवभूमि की तब है जब सूबे के सीएम ही स्वास्थ्य विभाग के मंत्री भी  है और प्रदेश में आये दिन हेल्थ सेक्टरों की बदहाली  की खबरें सुर्खियाँ बनती है।  पहाड़ों में गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए जान की बाज़ी लगानी पड़ती  है तो सबसे बड़े  दून अस्पताल में सुविधाओं का टोटा  दावों की हकीकत पर मुंह चिढ़ाता नज़र आता है बावजूद इसके त्रिवेंद्र सरकार कहती है बातें कम काम ज्यादा तो शर्म आती है – भावना पांडे , संयोजक तीसरा विकल्प 

 

 

अपर निदेेशक के 35 स्वीकृत पदों में से 24 कार्यरत है जबकि 31 फीसदी 11 पद तथा संयुक्त निदेशक के 162 पदों में से 153 कार्यरत हैै जबकि 6 फीसदी 9 पद रिक्त है। वरिष्ठ श्रेेणी चिकित्सा अधिकारियों केे राज्य में 426 पद स्वीकृत हैै जबकि 303 कार्यरत है तथा 29 फीसदी 123 पद रिक्त है। रिक्त पदोें में सर्वाधिक प्रतिशत चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-1 के पदोें का है। इनके 643 स्वीकृत पद हैै जबकि केवल 9 कार्यरत है और 99 फीसदी 634 पद रिक्त है। चिकित्सा अधिकारी के 1462 पद स्वीकृत हैै। जबकि 3 उ0प्र0 विकल्पधारियों सहित 1065 कार्यरत है तथा 27 फीसदी 397 पद रिक्त है।

 

उपलब्ध सूचना के अनुसार 80 चिकित्सा अधिकारी (दन्त चिकित्सक अधिसंख्यक) को मिलाकर कुल 1640 चिकित्सा अधिकारी प्रदेश में कार्यरत है लेकिन इनमें 33 नियमित अनुपस्थित चिकित्सा अधिकारी भी शामिल हैै।

 

उपलब्ध विवरण के अनुसार उत्तराखंड केे विभिन्न चिकित्सालयोें में संविदा के माध्यम से 374 अधिकारी कार्यरत हैै। इनमें 96 संविदा चिकित्सक, 274 उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों से रियायती दरोें पर एमबीबीएस करनेे वालेे बांडेड चिकित्सक तथा 4 संविदा पर पुर्न नियुक्त चिकित्सक शामिल हैै। इसके अतिरिक्त 118 अन्य स्त्रोतोें सेे कार्यरत चिकित्सक भी बताये गये है। ये हालत आज बीस बरस से कयदा गुज़र जाने के बाद की तब है जब सूबे के मुखिया सीएम ही स्वास्थ्य विभाग के मंत्री है और प्रदेश में आये दिन हेल्थ सेक्टरों की बाधाहली की खबरें सुर्खियां बनती है।  पहाड़ों में गर्भवती महिलाएं जान की बाज़ी लगाती है तो दून अस्पताल में सुविधाओं का टोटा मुंह चिढ़ाता नज़र आता है  बावजूद इसके त्रिवेंद्र सरकार कहती है बातें कम काम ज्यादा

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