कुमाऊं के पहाड़ी इलाकों में बारिश से नदियां उफनाईं
नैनीताल। कुमाऊं के पहाड़ी इलाकों में रुक- रुक कर हो रही बारिश से नदियां उफान पर हैं। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कई सड़कें बाधित हैं। कई जगह नदियों के किनारे भवन खतरे की जद में आ गए हैं। रविवार को रामनगर में भी भारी बारिश हुई। इससे चोरपानी में दो घर बह गए। इसी क्षेत्र के टेड़ा में एक कार और एक बाइक बह गई। पहाड़ में बीती रात से हो रही रुक-रुक कर बारिश से शारदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। टनकपुर शारदा घाट पर अधिकतर सीढ़ियां पानी में डूब चुकी हैं। प्रशासन ने टनकपुर-बनबसा इलाके में बारिश की संभावना को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने बताया कि नदी किनारे रहने वाली आबादी को सतर्क किया गया है।इधर चम्पावत में स्वाला के समीप पहाड़ी से मलबा आने से राष्ट्रीय राजमार्ग साढ़े चार घंटे बंद रहा। इस दौरान सैंकड़ों यात्री और वाहन जाम में फंसे रहे। कड़ी मशक्कत के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग में आवाजाही शुरू की जा सकी। पिथौरागढ़ जिले में बंद सड़कों के साथ ही सरकारी मशीनरी की सुस्ती यहां के लोगों का दर्द बढ़ा रही है। जिले की 9 सड़कें पिछले एक माह से बंद हैं। थल-मुनस्यारी सड़क पर रविवार को उफनाए नाले के बीच एक ट्रक फंस गया, जिससे आवाजाही ठप रही। इस दौरान माल वाहक व यात्री वाहन फंसे रहे। बागेश्वर जिले में 12 सड़कों पर भारी मात्रा में मलबा आ गया। इस कारण यातायात बंद रहा। जिससे दस हजार से अधिक आबादी प्रभावित हुई है। बागेश्वर के कपकोट क्षेत्र में सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से भराड़ी बाजार को खतरा पैदा हो गया है। सरयू नदी किनारे तीन मकान, दुकान आदि खतरे की जद में आ गए हैं। सरयू का जलस्तर बढ़ने से 38 लोगों के परिवार दहशत में हैं। वहीं बागेश्वर में कांडा तहसील के लिए आने वाली बिजली की लाइन में रविवार सुबह साढ़े सात बजे चीड़ का एक पेड़ गिर गया। इससे हाईटेंशन लाइन टूट गई और 50 गांवों की बिजली गुल हो गई। इधर नैनीताल जिले के तीन ग्रामीण मार्ग खुजेती-पतलिया, कांडा-डोमास व फतेहपुर-छड़ा बंद हैं। रविवार को नैनीताल जिले में 25.8 मिमी औसत बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश काठगोदाम-हल्द्वानी 78 मिमी और रामनगर में 59.2 मिमी दर्ज की गई।
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