रूस लगातार दाग रहा मिसाइल : यूक्रेन से जिया ने बोली- अब धमाके सुनने की आदत हो गई, सन्नाटा चुभता है

सोमेश्वर नगर की रहने वाली एमबीबीएस छात्रा जिया बलूनी यूक्रेन के सुमी शहर में फंसी है।

जिया ने बताया कि सुमी शहर में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। शाम चार बजे रूसी विमान शहर पर मिसाइल दागना शुरू कर देते हैं।

शाम ढलते ही एक के बाद बम धमाके शुरू हो जाते हैं। धमाके इतने तेज होते है कि पूरा बंकर थरथराने लगता है। घुप अंधेरे के बीच बंकर में बैठे डरे सहमे सभी लोग एक जगह एकत्र हो जाते हैं। ऐसा लगता है अगले पल कहीं रूसी सेना बंकर में न घुस आए। रात को 12 बजे के आसपास धमाकों की आवाज अचानक बंद हो जाती है। पिछले कई दिनों से बम धमाकों की आदत सी पड़ गई है। इसलिए जब धमाके बंद हो जाते अंधरे में सन्नाटा भी चुभने लगता। यूक्रेन के सुमी शहर में फंसी तीर्थनगरी की जिया बलूनी ने भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार से मदद की गुहार लगाई है।

सोमेश्वर नगर की रहने वाली एमबीबीएस छात्रा जिया बलूनी यूक्रेन के सुमी शहर में फंसी है।जिया ने बताया कि सुमी शहर में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। शाम चार बजे रूसी विमान शहर पर मिसाइल दागना शुरू कर देते हैं। सेना के बड़े बड़े टैंकर गलियों की सड़कों पर घूम रहे हैं। ऐसा लगाता है किसी भी पल रूसी सेना शहर में दाखिल हो सकती है। जिया ने बताया कि उनके सहित 300 छात्र छात्राएं हास्टल के नीचे बने खंडरनुमा बंकर में शिफ्ट कर दिए गए हैं। शाम चार बजे ही शहर में सन्नाटा पसर जाता है। इसके बाद लगातार बम धमाके होते हैं। बंकर में अंधेरा पसर जाता है। बस धमाकों की आवाज सुनाई देती है। जब हॉस्टल के आसपास मिसाइल गिरती है तो पूरा बंकर थरथराने लगता है। इस दौरान सभी लोगों पर डर हावी होने लगता है। बंकर में मौजूद सभी लोग एक जगह जमा होकर ईश्वर से प्रार्थना करने लगते हैं। देर रात करीब 12 बजे बम धमाकों की आवाज बंद होती है। तब सन्नाटा भी कानों में चुभने लगता है। रात को नींद में बम धमाकों की आवाज सुनाई देती है। जिया और बंकर में मौजूद अन्य छात्रों ने सोशल मीडिया पर विडियो जारी कर भारत सरकार से उनको यूक्रेन से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए गुहार लगाई है।

तीन दिन से दूतावास नहीं कर रहा संपर्क
जिया बलूनी ने बताया कि पिछले तीन दिनों भारतीय दूतावास उनके संपर्क में नहीं है। केवल होस्टल के एक प्रोफेसर और वार्डन ही उनके साथ बंकर में रहते हैं। भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने तीन दिन पहले बताया था जब उनको बाहर निकालना होगा वह स्वयं संपर्क करेंगे। तब तक बंकर ही उनके लिए सुरक्षित जगह है। जिया ने बताया कि बंकर के आसपास सेना के जवान भी तैनात नहीं हैं।

सुबह चार्ज करते है पावर बैंक, ठंड बहुत है
जिया ने बताया कि सुबह बमबारी नहीं होती है। इसलिए वह वार्डन से अनुमति मिलने के बाद हॉस्टल में आकर अपने पावर बैंक को चार्ज करते हैं। इसके बाद वापस बंकर में चले जाते हैं। जिया ने बताया कि बंकर में ठंड बहुत है। रजाई ओढ़ने के बाद भी ठंड से राहत नहीं मिलती है।

टिकट बुकिंग के लिए लिया गया दोगुना किराया
जिया बूलनी ने बताया कि पहले उन्होंने 17 फरवरी को एयर एरेबिया से भारत के लिए टिकट कराया था। लेकिन तब परीक्षा के चलते उनको रुकना पड़ा। 26 फरवरी को दूसरी बार एयर अरेबिया से टिकट बुक किया। जहां पहले टिकट का मुल्य 40 से 45 हजार रुपये होता था। वह अचानक बढ़कर 75 हजार रुपये हो गया। बाद में एयरलाइन ने टिकट कैंसिल कर दिया। अब तक टिकट के लिए ली गई रकम वापस नहीं मिली हैं। जिया ने बताया उन्होंने रिफंड के लिए फार्म भरा था। उनके शहर के सबसे पास कीव शहर है। यहां एयरबेस पर रूसी सेना ने हमला किया था। अब सबसे नजदीकी हवाई अड्डा लवी शहर में है। यह सुमी से करीब 900 किलोमीटर की दूरी पर है। जहां पहुंचने में 12 से 14 घंटे का समय लगता है।

भारतीय दूतावास से नहीं आया पत्र
जिया ने बताया कि अन्य देशों दूतावास से सभी युनिवर्सिटी को बकायदा पत्र भेजकर छात्र छात्राओं को देश वापस भेजने के लिए कहा गया था। लेकिन भारत सरकार की ओर से ऐसा कोई पत्र युनिवर्सिटी को नहीं भेजा गया। जिससे छात्र भी असमंजस में रहे। फिर अचानक 23 फरवरी को यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध शुरू हो गया।

युनिवर्सिटी ने कहा देश छोड़ा तो बाहर कर देंगे
जिया ने बताया कि यूक्रेन की अन्य युनिवर्सिटी में पढ़ने वाले उनके दोस्तों ने बताया कि विवि प्रशासन के कारण भी कई छात्र फंस गए। जब छात्र छात्राओं ने घर जाने की बात कहीं तो विवि प्रशासन ने कहा अगर वह वापस गए तो उनको युनिवर्सिटी से बाहर दिया जाएगा। हालांकि जिया ने कहा उनको इस अनुभव का सामना नहीं करना पड़ा।

 

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