बैटरी वाहनों के लिए कारगर तकनीक, इस प्रोफेसर ने बढ़ाया कुमाऊं विश्वविद्यालय का मान
कुमाऊं विश्वविद्यालय के केमिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रोफेसर ने विश्वविद्यालय ही नहीं, बल्कि पूरे ज़िले और राज्य का नाम देश भर में रोशन किया है. नैनीताल डीएसबी परिसर के केमिस्ट्री विभाग के अंतर्गत संचालित राजेंद्र सिंह नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर के प्रभारी हैं प्रोफेसर एनजी साहू. इन्हें टायर वेस्ट से सुपर कैपेसिटर बनाने का पेटेंट हासिल हुआ है. इस सुपर कैपेसिटर को बैटरी से चलने वाली गाड़ियों में इस्तेमाल में लाया जा सकेगा. साहू के इस नये इनोवेशन की चर्चा के बीच सुखद आश्चर्य यह भी है कि पहले भी उन्हें कुछ पेटेंट मिल चुके हैं.
मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले प्रोफेसर साहू को साल 2019 में तत्कालीन भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने नेशनल अवाॅर्ड से नवाज़ा था. यह अवाॅर्ड एक तरह से उनकी प्रतिभा का सम्मान था. इससे पहले साहू को आयरन से सिंग स्ट्रिप तैयार करने के लिए भी भी पेटेंट मिल चुका है. इसके इस्तेमाल से पानी में आयरन होने पर स्ट्रिप का रंग बदलने लगता है. प्लास्टिक को ग्राफीन में बदलने के इनोवेशन पर भी साहू को पेटेंट दिया जा चुका है.
लगातार किसी न किसी तकनीकी नवाचार पर काम करने वाले प्रोफेसर साहू गोबर और गोमूत्र से बैटरी बनाने की तकनीक के लिए भी पेटेंट कीअर्ज़ी दे चुके हैं. साहू का कहना है कि इस बैटरी का उपयोग मोबाइल फोन की बैटरी के रूप में किया जा सकेगा. वर्तमान में साहू नगरपालिका के साथ मिलकर नारायण नगर में प्लास्टिक रीसाईकल और उसको ग्राफीन में बदलने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं.
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