उत्तराखंड के रानीखेत-अल्मोड़ा का मैदानी इलाकों से संपर्क कटा, रानीखेत में सिर्फ इमरजेंसी के लिए बचा ईंधन
उत्तराखंड में दो दिनों की भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं ने कहर बरपाया है. इस प्राकृतिक आपदा में 47 लोगों की मौत हुई है. इस आपदा का असर कुमाऊं क्षेत्र पर पड़ा है.
देहरादून/नैनीताल: उत्तराखंड में दो दिनों की भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं ने कहर बरपाया है. इस प्राकृतिक आपदा में 47 लोगों की मौत हुई है. इस आपदा का असर कुमाऊं क्षेत्र पर पड़ा है. उत्तराखंड के नैनीताल, हल्द्वानी, ऊधम सिंह नगर और चंपावत ( Nainital, Haldwani, Udham Singh Nagar, Champawat) जिले में बारिश और भूस्खलन तबाही लेकर आया है. इनमें से 28 लोग नैनीताल और 6-6 लोगों की मौत अल्मोड़ा एवं चंपावत जिलों में हुई. 1-1 शख्स की मौत पिथौरागढ़ और ऊधम सिंह नगर जिले में हुई है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
- उत्तराखंड में भारी बारिश (uttarakhand rainfall) से हुई तबाही में कुल 47 लोग अब तक जान गंवा चुके हैं. राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में भारी बरसात और भूस्खलन ने कहर ढाया है. उत्तराखंड के नैनीताल, हल्द्वानी, ऊधम सिंह नगर और चंपावत ( Nainital, Haldwani, Udham Singh Nagar, Champawat) जिले में भारी बारिश और भूस्खलन (uttarakhand landlside) तबाही लेकर आया है. इनमें से 28 लोग नैनीताल और 6-6 लोगों की मौत अल्मोड़ा एवं चंपावत में हुई. एक-एक शख्स की मौत पिथौरागढ़ और ऊधम सिंह नगर जिले में हुई है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पीएम मोदी ने बात की है. वायुसेना को भी बचाव कार्य में लगाया गया है.
- रानीखेत, अल्मोड़ा लगातार दूसरे दिन मैदानी इलाकों से पूरी तरह कटा रहा. खैरना और कैंची में भूस्खलन के कारण आया मलबा अभी तक साफ नहीं हो पाया है. रानीखेत में नहीं बचा ईंधन – आपात सेवाओं के लिए रख लिया गया है ईंधन. 24 घंटे बाद लॉ वोल्टेज बिजली बहाल की गई है. बीएसएनएल फाइबर ऑप्टिक लिंक कई स्थानों पर कट गए हैं.
- भारी बारिश के कारण नैनीताल का संपर्क उत्तराखंड के दूसरे इलाकों से टूट गया था, लेकिन इसे अब बहाल कर दिया गया है. नैनी झील उफना गई है. भारी बारिश के बीच झील का पानी आसपास के इलाकों तक पहुंच गया है.
- जनपद नैनीताल में वर्तमान समय पूर्णरूप से बाधित मार्ग. नैनीताल से हल्द्वानी मार्ग मड-हाउस ज्योलीकोट के पास मुख्य मार्ग बहे जाने से यातायात पूर्ण रूप से बाधित है. रामनगर से गार्जिया-अल्मोड़ा मार्ग धनगढ़ी रामनगर नाले में पानी के उफान के कारण बंद है. भवाली से अल्मोड़ा मार्ग खैरना के पास मलवा आने से बंद है. हल्द्वानी से चोरगलिया, सितारगंज मार्ग गौला पुल की एप्रेचिंग साइड का बडा हिस्सा गोला में बहने से अवरूद्ध है. काठगोदाम से चोरगलिया, सितारगंज मार्ग शेरनाला में पानी के तेज बहाव के कारण अवरूद्ध है. भीमताल से पदमपुरी मार्ग विनायक के पास मलवा आने से अवरुद्ध है. नैनीताल रूसी बाईपास के पास मलवा आने से रूसी बाईपास सुखाताल की और मार्ग बंद है. खैरना से बेतालघाट मार्ग अवरुद्ध है.
- खराब मौसम और लगातार बारिश के बावजूद नैनीताल में बंद सड़कों को खोल दिया गया है, मलबे हटा दिए गए हैं और पर्यटक स्थल का संपर्क बहाल कर दिया गया है. फंसे हुए पर्यटक कालाधुंगी और हलद्वानी के रास्ते अपने घरों की ओर रवाना हो रहे हैं.
- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बारिश से बेहाल इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने प्रभावित लोगों से बातचीत की और जानमाल के नुकसान का आकलन किया. बारिश में मारे गए लोगों के लिए बीजेपी सरकार ने 4-4 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया है. जिनका घर ध्वस्त हुआ है, उन्हें 1.10 लाख रुपये मिलेंगे. मवेशियों को मारे जाने पर भी क्षतिपूर्ति दी जाएगी.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर सीएम धामी से आपदा से उपजे हालातों को लेकर चर्चा की है. केंद्र सरकार ने हरसंभव मदद का भरोसा भी दिया है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य में पहले ही जुटी हैं.
- उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक, नैनीताल के काठगोदाम, लालकुआं और ऊधम सिंह नगर के रुद्रपुर में सड़क, पुल और रेल पटरियों को भारी नुकसान पहुंचा है. खराब हुईं रेल पटरियों को ठीक करने में कम से कम 4-5 दिन लगेंगे औऱ तब तक यहां ट्रेनों का परिचालन नहीं हो सकेगा.
- एयरफोर्स को भी आपदा से प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य में जुटाया गया है. एयरफोर्स के 3 हेलीकॉप्टर राहत और बचाव कार्य में मदद कर रहे हैं. दो हेलीकॉप्टर नैनीताल में में लगाए गए हैं. तीसरा हेलीकॉप्टर गढ़वाल क्षेत्र में बचाव कार्य में जुटा है.
- चारधाम यात्रा आज दोबारा शुरू हो जाएगी. डीजीपी ने कहा कि बद्रीनाथ के आखिरी छोर चारधाम यात्रा के रास्ते को पूरी तरह बहाल कर दिया गया है. जोशीमठ से बद्रीनाथ के रास्ते को खोल दिया गया है.
- उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में भी भारी बारिश के बीच भूस्खलन में 7 लोगों की मौत हुई है. अल्मोड़ा के रापड़ गांव में एक मकान भूस्खलन (Almora landslide) की चपेट में आ गया. इसमें चार लोगों की मौत हो गई. जबकि एक महिला को बचा लिया गया.
- हल्द्वानी और नैनीताल जिलों के हालातों को लेकर सीएम ने देर रात उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक भी की थी. धामी ने कहा है कि जानमाल के नुकसान के आकलन के साथ सड़कें, पुल और आवागमन के अन्य रास्तों को बहाल करने का काम तेज कर दिया गया है.
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