हवन यज्ञ और भंडारे के साथ हुआ श्रीमद् भागवत कथा का समापन

0
7148

टिहरी/नैनबाग



उत्तराखंड की ताजा खबरें पढ़ने के लिए हमसे जुड़ें


Google News - memoirs publishing

भगवान श्रीकृष्ण सच्चिदानंद ब्रह्मा है जिनके चरणों में नमन करने से जीव सर्वथा पाप विमुक्त हो जाता है। यह बातें कथावाचक लवदास जी महाराज ने टिहरी के जौनपुर ब्लॉक के अंतर्गत स्व. सरदार सिंह रावत राजकीय इण्टर कॉलेज के प्रांगण में विगत सात दिनों से चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन रविवार को अपने अमृत वचन में कहा। कथा स्थल पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। भागवत कथा के अंतिम दिन श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। गोविंद राधे गोपाल राधे….. जैसे भजन पर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह नजर आया। श्रद्धालुओं के जनसैलाब के आगे कथा स्थल पर जगह छोटा पड़ गया। कथा के दौरान भक्ति भजनों पर महिलाएं-पुरुष झूमते नजर आये। सात दिनों तक नैनबाग बाजार सहित आसपास का पूरा इलाका भक्ति भजनों से गूंजायमान होता रहा। श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने भागवत पूजन करते हुए व्यास पूजन भी किया। क्षेत्रीय लोगों के द्वारा कथा वाचक लवदास जी महाराज का भव्य स्वागत किया गया।

कथा को आगे बढ़ाते हुए कथा व्यास लवदास जी महाराज ने दाम्पत्य जीवन पर प्रवचन करते हुए कहा कि पति पत्नी गृहस्थ जीवन रूपी गाड़ी के दो पहिये हैं। एक में भी कमी आई तो परिवार को टूटने से कोई नहीं बचा सकता। कथा में सुदामा चरित्र का भाव पूर्ण वर्णन किया गया। उन्होंने कहा कि यदि आप पिता हैं तो अपनी संतान को ऐसे संस्कार जरूर देना कि वे सदा जीवन में राष्ट्र के काम आवे। कथा का समापन हवन के साथ किया गया।

इस अवसर पर समिति से जुड़े मोहन लाल थपलियाल, भगतराम मैठाणी, मनीष मैठाणी, शिवांश कुंवर,मोहन लाल निराला समेत हजारों श्रद्धालू उपस्थित रहे।