15 अप्रैल से शुरू होगी देवभूमि बचाओ यात्रा: भावना पांडे

15 अप्रैल से शुरू होगी देवभूमि बचाओ यात्रा: भावना पांडे

 

अबकी बार, युवा सरकार, होगा नारा, जनता को करेंगे जागरूक
भाजपा-कांग्रेस से त्रस्त जनता के पास होगा इस बार तीसरा विकल्प

 

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देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा है कि देवभूमि बचाओ यात्रा आगामी 15 अप्रैल से अल्मोड़ा से शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि यात्रा का रूट प्लान बन रहा है। यात्रा प्रदेश की सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में की जाएगी। इसका मकसद जनता को जागरूक करना है कि तीसरा विकल्प क्यों जरूरी है। उन्होंने कहा कि यात्रा का नारा है अबकी बार, युवा सरकार। इसके अलावा यात्रा के दौरान देवभूमि बचाओ, युवा बचाओ और बेटी बचाओ आदि विषयों पर भी जनता को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार जनता के सामने भाजपा और कांग्रेस का विकल्प मौजूद है और जनता इन दोनों दलों को सबक सिखाने का काम करेगी।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने बताया कि पहले देवभूमि बचाओ यात्रा को देहरादून के टपकेश्वर मंदिर से शुरू किया जाना था। यह यात्रा देहरादून की सभी विधानसभाओं के बाद डोईवाला और हरिद्वार जानी थी लेकिन कुम्भ की तिथि एक अप्रैल से निर्धारित की गई है। इसके अलावा कोविड-19 को देखते हुए यह तय किया गया है कि अब यात्रा अल्मोड़ा से 15 अप्रैल को शुरू होगी। उन्होंने कहा कि यात्रा का रूट प्लान तय किया जा रहा है। शासन-प्रशासन से अनुमति ली जाएगी। और इसके बाद यात्रा शुरू होगी। काफिले में दस कारें होंगी। यात्रा जिस विधानसभा क्षेत्र में जाएगी, वहां का उम्मीदवार अपने समर्थकों के साथ यात्रा में भाग लेगा। भावना पांडे ने बताया कि हम पहले उस क्षेत्र के धार्मिक स्थलों में जाएंगे और वहां से आशीर्वाद लेने के बाद क्षेत्र के बाजारों और गांवों में जनता को जागरूक करेंगे।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे के अनुसार यात्रा के दौरान हमारी प्राथमिकता होम स्टे की होगी। चूंकि होम स्टे लोकल संचालित करते हैं तो हम होम स्टे ही करेंगे। उन्होंने कहा कि देवभूमि बचाओ यात्रा के दौरान हम जनता को बताएंगे कि किस तरह से कांग्रेस और भाजपा सरकारों ने प्रदेश को खोखला करने का काम किया। दोनों दलों की सरकारें चार साल के दौरान कोई विकास कार्य नहीं करती हैं और चुनावी साल यानी पांचवें साल में विकास योजनाओं की झड़ी लगा देती हैं। प्रत्येक दिन करोड़ों की योजनाओं के रिबन काटे जाते हैं। ऐसा माहौल तैयार किया जाता है कि जनता को लगता है कि बस, अब उनकी सभी समस्याओं का निदान हो जाएगा। लेकिन पिछले 20 वर्षों से जनता के साथ छल हो रहा है। नेता वोट बटोरने के बाद लापता हो जाते हैं। और विकास जनता से कोसो दूर हो जाता है। समस्याएं जस की तस रहती हैं। अच्छी शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य यहां तक कि बिजली-पानी जैसी मूलभूत समस्याओं का आज तक निदान नहीं हो सका है।
आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि जनता के विकास पहले विकल्प नहीं था इसलिए जनता बारी-बारी से कांग्रेस और भाजपा को चुनती रही है। इस बार जनता के पास तीसरा विकल्प है। हम महिलाओं और युवाओं को जनता का प्रतिनिधित्व देना चाहते हैं। इस बार जनता कांग्रेस और भाजपा को सबक सिखाने का काम करेगी।

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