नेताओं और अफसरशाही विवाद के बाद अब प्रदेश में आपस में उलझे निदेशक और सचिव,उत्पीड़न के आरोपों ने सरकार के जीरो टॉलरेंस पर उठाए सवाल:आप
निदेशक ने लगाया सचिव पर उत्पीड़न का आरोप,नेताओं के बाद प्रदेश में अफसरशाही आपस में उलझी,:आप
नेताओं और अफसरशाही विवाद के बाद अब प्रदेश में आपस में उलझे निदेशक और सचिव,उत्पीड़न के आरोपों ने सरकार के जीरो टॉलरेंस पर उठाए सवाल:आप
आप उपाध्यक्ष विशाल चौधरी ने एक बयान जारी करते हुए प्रदेश के हालिया निदेशक के सचिव पर लगाए आरोपों पर सरकार के कार्यशैली पर सवाल उठाए है। आप उपाध्यक्ष ने कहा,इससे पहले मंत्री और विभागीय सचिव का अंतर्कलह खुल कर मीडिया के जरिए सामने आया था जिसमें मंत्री ने सचिव और सचिव ने मंत्री पर आरोप लगाए थे मामला मीडिया में बढ़ने पर उसकी जांच के आदेश मुख्यमंत्री को देने पड़े थे । लेकिन फिर इस नए विवाद ने त्रिवेंद्र सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए जिसमें निदेशक ,किसी नेता पर नहीं बल्कि सचिव पर उत्पीड़न का आरोप लगा रही है। संस्कृति विभाग की निदेशक ने सचिव पर मानसिक उत्पीडन और जबरन अपात्र लोगों को टेंडर दिलाने का दबाव बनाते हुए उन्हें 3 वर्षो से लगातार प्रताडित करने का आरोप लगाया है।
आप उपाध्यक्ष ने कहा, उत्तराखंड प्रदेश में अफशर शाही किस कदर हावी है ,ये किसी से छिपा नहीं है। प्रदेश के सचिवालय में बैठे सचिव स्तर के अधिकारी किसी की बात सुनने को तैयार नहीं है। अभी कुछ दिनों पहले प्रदेश की राज्यमंत्री रेखा आर्य ने भी एक वरष्ठि सचिव पर उनकी बात ना मानने और अपनी मनमर्जी करने के गंभीर आरोप लगाए थे जो प्रदेश में सुर्खियों की तरह छाए रहे। इससे पहले भी कई विधायक और अन्य जनप्रतिनिधी सचिवों की शिकायतें कर चुके हैं कि सचिव ना तो माननीयों की बात सुनते हैं और ना ही उनके कार्यों को प्राथमिकता देते हैं। अब इस नए अफसरशाही के आपसी विवाद ने त्रिवेंद्र सरकार के जीरो टॉलरेंस की पोल खोल दी है । आप उपाध्यक्ष ने कहा,जो मुख्यमंत्री अपने सचिव को नहीं संभाल पा रहे वो क्या राज्य चलाएंगे जिसका नतीजा पिछले चार सालों में जीरो सीएम के तौर पर मिली उनकी उपलब्धि है।
आप उपाध्यक्ष ने बताया कि ये प्रदेश सरकार के नहीं ,बल्कि राम भरोसे चल रहा है। इस प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। यहां सरकार को चुनती तो जनता है ,लेकिन असल में यह प्रदेश अफसरशाही द्वारा चलाया जा रहा है। और यह परिपाठी राज्य बनने से लेकर आज तक चली आ रही है। उन्होंने बताया कि इस प्रदेश में अफसर नेताओं पर इतने हावी हो गए हैं कि, नेताओं की जुबान इन अधिकारियों के सामने नहीं खुलती। इन अधिकारियों ने नेताओं को पंगु बना दिया है। उन्होंने कहा कि पहले तो सिर्फ विधायक और मंत्री ही इन अधिकारियों पर अपनी नारजगी व्यक्त करते थे ,लेकिन अब तो प्रदेश के अन्य अधिकारी भी इन सचिव स्तर के अधिकारियों की प्रताडना से व्यथित हैं। ऐसे में आम जनता की सुनवाई कैसे होगी,ये तो अब भगवान भरोसे ही है।
आप उपाध्यक्ष ने कहा कि मौजूदा सरकार जीरो टौलरेंस की बात करती है, लेकिन सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार इसी सरकार में हो रहा है । जिस प्रदेश का सीएम जीरो वर्क सीएम हो और जिस सीएम की नींद 4 वर्ष बाद टूटी हो , तो स्वतः ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि, कैसे इस प्रदेश का विकास हो पाएगा। निचले स्तर के अधिकारी और कर्मचारियों पर दबाव बनाकर अपात्र लोगों को टेंडर देकर कैसे राज्य का विकास संभव होगा,लेकिन शासन में बैठे अधिकारियों को प्रदेश के विकास और गुणवत्ता से कोई सरोकार नहीं है । उन्हें अगर किसी चीज से सरोकार है ,तो वो है सिर्फ भ्रष्टाचार से ,और इसी भ्रष्टाचार ने इस प्रदेश की जडों को खोखला कर दिया है। लेकिन अब समय आ गया है इस भ्रष्टाचार को जड से मिटाने का और ये कार्य अब प्रदेश की जनता खुद करेगी और ऐसे लोगों को सबक सिखाएगी जो देवभूमि के दुश्मन बने बैठे हैं।
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