मातृसदन और शिवानंद बाबा की हो सीबीआई जांच: भावना पांडे
मातृसदन और शिवानंद बाबा की हो सीबीआई जांच: भावना पांडे
महज पांच लोग प्रदेश को हर साल लगा देते हैं करोड़ों की चपत
गंगा पर बनी सुरंग को लेकर धरना-प्रदर्शन क्यों नहीं करता बाबा?
देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने हरिद्वार के मातृसदन और बाबा शिवानंद के खनन माफिया से गठजोड़ की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। मातृसदन के कारण प्रदेश को हर साल करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि शिवानंद बाबा तब कहां थे जब गंगा में ढाई किलोमीटर लंबी सुरंग बन रही थी। उन्होंने बाबा शिवानंद को सलाह दी है कि वो तपोवन में धरना-प्रदर्शन करे। उनका अनुसार प्रदेश को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के दोषी लोगों को जेल भेजा जाना चाहिए।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि प्रदेश में वैध खनन पर पाबंदी है, लेकिन अवैध खनन जारी है। उन्होंने कहा कि शिवानंद बाबा अवैध खनन का विरोध नहीं करता। वैध खनन के खिलाफ बाबा धरना प्रदर्शन करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि मातृसदन का खनन माफिया द्वारा फंडिंग की जाती है ताकि अवैध खनन का वर्चस्व बना रहे। भावना पांडे के अनुसार मातृसदन, प्रदेश खनन विभाग के दो अधिकारियों और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दो अधिकारियों की मिलीभगत से प्रदेश को खनन से मिलने वाले 350 करोड़ राजस्व की हर साल हानि हो रही है। उन्होंने मांग की कि बाबा शिवानंद की जांच होती है तो उसे जेल की सलाखों के पीछे जाना होगा। प्रदेश को होने वाले नुकसान की भरपाई भी मातृसदन से की जाए।
भावना पांडे ने सवाल किया किये बाबा क्या शंकराचार्य है या महामंडलेश्वर। कुम्भ क्षेत्र का निर्धारण करने का इसको क्या हक है? प्रदेश में खनन सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार होता है। वन विभाग, एनजीटी, सीपीसीबी के सभी मानक पूरे करने के बाद ही खनन होता है, लेकिन मातृसदन को इस पर भी आपत्ति होती है, जबकि अवैध खनन पर मातृसदन चुप रह जाता है। मातृसदन गंगा पर बन रहे बड़े प्रोजेक्ट और हरिद्वार के बाद गंगा की हालात पर भी चुप्पी साधे रहता है। मातृसदन, खनन विभाग और सीपीसीबी के बीच मिलीभगत का उदाहरण देते हुए वह कहती हैं कि खनन को लेकर कोई भी दस्तावेज और सूचना सबसे पहले मातृसदन को मिल जाती है। सीपीसीबी से लेकर खनन निदेशालय में मातृसदन की चिट्ठी महज चार दिन में ही पहुंच जाती है जबकि विभागीय जवाब चार से छह महीने तक नहीं मिलता। यह सीधे-सीधे खनन माफिया से गठजोड़ है जो नहीं चाहते कि प्रदेश में वैध खनन हो और प्रदेश का राजस्व बढ़े।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि मातृसदन, प्रदेश खनन विभाग के एडिशनल डायरेक्टर और ज्वाइंट डायरेक्टर, सीपीसीबी के दो अफसरों की भूमिका और संपत्ति की जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि शिवानंद बाबा षड़यंत्रकारी है और इससे प्रदेश को हुए नुकसान की भरपाई के लिए केस दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि इस बार बाबा वैध खनन को लेकर अड़ंगा लगाता है तो उसके खिलाफ भी आंदोलन किया जाएगा।
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