भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड के सीईओ डॉ.अविनाश आनंद के खिलाफ एसआईटी जांच की सिफारिश – राज्यमंत्री रेखा आर्य
राज्यआन्दोलनकारी भावना पांडेय ने फिर एक बार भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड को आड़े हाथों लिया है उन्होंने लगातार उत्तराखंड में लोगों को जगाने का काम किया है उत्तराखंड के प्रति पीड़ा को जाहिर करना लाजमी है राज्यआन्दोलन की पीड़ा को देखते हुवे जो बेदनाएँ उत्तराखंड के उन आंदोलनकारियों के सपने ने आजतक सरकारों के प्रपंच को झेला है जिस मकसद से राज्य माँगा गया था उस का उद्देश्य अभी भी कंही नहीं दिख रही है भावना पांडेय लगातार अधिकारीयों के दमन के मामले को भी पूरी प्रमुखता से उठाति रहि है प्रदेश में घोटाले हों या जनता के विकास में मुद्दे हों उन्हें प्रमुखता से उठाने में कोई कोर कसार नहीं छोड़ रही है
मंत्री रेखा आर्य ने मुख्य सचिव से की भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड के सीईओ की एसआईटी जांच की सिफारिश
भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड के सीईओ डॉ.अविनाश आनंद के खिलाफ एसआईटी जांच की सिफारिश – राज्यमंत्री रेखा आर्य
एक बार फिर उत्तराखंड सरकार में घोटाले और भ्रष्टाचार का मामला सामने आ सकता है .. क्योंकि इस बार खुद पशुपालन राज्यमंत्री रेखा आर्य ने मुख्य सचिव से भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड के सीईओ डॉ.अविनाश आनंद के खिलाफ एसआईटी जांच की सिफारिश की है। हैरान करने वाली बात तो ये है कि उन पर आरोप भी बड़े गंभीर लगाये जा रहे है। बताया जा रहा है कि बोर्ड ने मनमाने तरीके से आस्ट्रेलिया से कम गुणवत्ता की मरीन भेड़ों का आयात किया। साथ ही उनके खिलाफ लग्जरी वाहन खरीदने में और आधुनिकीकरण के नाम पर भी गोलमाल का आरोप है। राज्यमंत्री ने डॉ.आनंद की संपत्ति की भी जांच कराने को कहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद मेनका गांधी की शिकायत पर बोर्ड के खिलाफ एक जांच पहले से चल रही है। अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की ओर से पत्र आया है
केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार को कार्रवाई को कहा
राज्यमंत्री ने एसआईटी जांच को कहा , उधर, राज्य भेड़-बकरी, पालक कोऑपरेटिव फेडरेशन में प्रबंधक कुमाऊं मंडल के पद पर कार्यरत पशु चिकित्साधिकारी डॉ.मुकेश कुमार दुम्का को मूल पद पर भेजने पर भी डॉ.आनंद की जांच के निर्देश दिए गए हैं। राज्यमंत्री का कहना है कि अफसर का तबादला करना शासन का अधिकार है। डॉ.आनंद ने अधिकारों का उल्लंघन करते हुए यह आदेश किया। उन्होंने पशुपालन निदेशक डॉ. के के जोशी को जांच करने व डॉ.आनंद से स्पष्टीकरण लेने का आदेश भी दे दिया है ।
आपको मालूम है लग रहा पूरा आरोप है क्या –
उत्तराखंड में रैमभूले नस्ल की भेड़ होने के बाद भी बिना वैज्ञानिक शोध आस्ट्रेलिया से मरीनो भेड़ का आयात किया गया। भेड़ों के लिए खरीदे चारे में भी आर्थिक गोलमाल। हरिद्वार के भगवानपुर में लामग्रांट फार्म को मानक से अधिक किराये का भुगतान। हाल में एक फर्म से खरीदी बकरियों में लामग्रांट फार्म में 250 और रुद्रप्रयाग में 300 बीमारी से मर गईं। एमडी द्वारा सरकारी वाहन का परिवार के कामों में इस्तेमाल।
बोर्ड हर जांच के लिए तैयार , सभी आरोप गलत: डॉ आनंद की सफाई
भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड के सीईओ डॉ.अविनाश आनंद ने सभी आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि डॉ.दुम्का को उनके मूल पद पर भेजने का आदेश विभागीय सचिव के आदेश पर किया ऐसे में यह शासन स्तर से हुआ निर्णय ही है। दूसरा, मरीनो भेड़ का आयात शासन स्तर पर गहन विचार विमर्श और परखने के बाद ही किया गया। उनके परिणाम भी बहुत बेहतर आए हैं। बोर्ड हर जांच के लिए तैयार है।
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