आत्मनिर्भरता के लिए फ्यूचर फ्यूल और ग्रीन एनर्जी बहुत जरूरी- PM मोदी
आत्मनिर्भरता के लिए फ्यूचर फ्यूल और ग्रीन एनर्जी बहुत जरूरी- PM मोदी
एनर्जी के मामले में आत्मनिर्भरता को लेकर क्या आने वाले दिनों में हाइड्रोजन फ्यूल (Hydrogen fuel) एक कारगर विकल्प बनेगा? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक संबोधन में इस बात के संकेत मिले. पीएम मोदी बुधवार को ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए शिक्षा और कौशल विकास पर एक सेशन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हमारी ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए फ्यूचर फ्यूल और ग्रीन एनर्जी बहुत जरूरी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने हाइड्रोजन व्हीकल का टेस्ट कर लिया है. अब हाइड्रोजन को ट्रांसपोर्ट फ्यूल के रूप में इस्तेमाल और इसके लिए खुद को इंडस्ट्री रेडी बनाने के लिए अब हमें मिलकर आगे बढ़ना होगा. उन्होंने कहा कि फ्यूचर फ्यूल, ग्रीन एनर्जी, हमारी ऊर्जा में आत्मनिर्भरता के लिए बहुत जरूरी है. इसलिए बजट में घोषित हाइड्रोजन मिशन एक बहुत बड़ा संकल्प है.
बजट में हाइड्रोजन एनर्जी मिशन का एलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में ‘हाइड्रोजन एनर्जी मिशन’ का एलान किया है. केंद्र सरकार का यह एलान देश को क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में आगे ले जाने की ओर एक बड़ा कदम है. सरकार का मानना है कि हाइड्रोजन एनर्जी स्वच्छ और हरित ऊर्जा के तौर पर पॉलूशन कम करने में बहुत कारगर होगी. नेचुरल रिसोर्सेस के लगातार दोहन की वजह से यह एक दिन इनके भंडार दोहन लायक नहीं रह जाएंगे. इसके ठोस विकल्प के रूप में रिन्यूएबल एनर्जी समय की मांग है.
हाइड्रोजन चलित बस का हुआ परीक्षण
हाल ही में टाटा, रिलायंस, महिंद्रा और सरकारी तेल कंपनियां भी हाइड्रोजन फ्यूल को ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल योग्य बनाने की दिशा में काम कर रही हैं. बीते दिनों टाटा मोटर्स ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के साथ मिलकर हाल ही में देश के पहले हाइड्रोजन चालित बस को हरी झंडी दिखाई. हाइड्रोजन बस अभी ट्रायल प्रोजेक्ट पर है, जिसके बारे में बाद में फैसला लिया जाएगा. केरल देश का पहला राज्य होगा जहां इस साल हाइड्रोजन ईंधन पर चलने वाली बसें शुरू हो जाएंगी. इसकी तैयारियां बड़े स्तर पर चल रही हैं.
बजट में हेल्थ के बाद एजुकेशन पर फोकस
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए देश के युवाओं में आत्मविश्वास उतना ही जरूरी है. आत्मविश्वास तभी आता है, जब युवा को अपनी शिक्षा, अपनी ज्ञान पर पूरा विश्वास हो. आत्मविश्वास तभी आता है, जब उसको ऐहसास होता है कि उसकी पढ़ाई, उसे अपना काम करने का अवसर और जरूरी स्किल दिया जा रहा हो. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसी सोच के साथ बनाई गई है.
वैज्ञानिक प्रकाशन में भारत टॉप 4 देशों में शामिल
पीएम मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में शिक्षा को रोजगार और उद्यमी क्षमताएँ से जोड़ने का जो प्रयास किया गया है, ये बजट उनको और विस्तार देता है. इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि आज वैज्ञानिक प्रकाशन के मामले में भारत टॉप थ्री देशों में आ चुका है. इस वर्ष के बजट में हेल्थ के बाद जो दूसरा सबसे बड़ा फोकस है, वो एजुकेशन, स्किल, रिसर्च और इनोवेशन पर ही है.
मोदी ने कहा, ”किसानों की आय बढ़ाने के लिए उनका जीवन बेहतर बनाने के लिए बायोटेक्नोलॉजी से जुड़ी रिसर्च में जो साथी लगे हैं, देश को उनसे बहुत उम्मीदे हैं. मेरा इंडस्ट्री के तमाम साथियों से आग्रह है कि इसमें अपनी भागीदारी को बढ़ाएं.”
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