पहाड़ी भोजन को मंच देने के लिए बनाई गई गढ़ भोज योजना

श्रीनगर। प्रदेश के पहाड़ी भोजन को मंच देने के लिए गढ़ भोज योजना बनाई गई है, जिसके जरिए लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं यहां उगने वाले उत्पादों को बाजार भी उपलब्ध होगा. इससे रोजगार के अवसर बढ़ सकेंगे।
गढ़ भोज अभियान के तहत श्रीनगर पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा कि हिमालय पर्यावरण जड़ी-बूटी एग्रो संस्थान इस वर्ष 2021 को गढ़ भोज वर्ष के रूप में मना रहा है। ताकि उत्तराखंड के भोजन को राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पारंपरिक भोजन को स्कूलों, विभागों समेत चारधाम यात्रा मार्ग पर मौजूद होटलों, रेस्टोरेंट्स में अनिवार्य करने से विलुप्त हो रही पारंपरिक फसलें संरक्षित होंगी। वहीं, दूसरी ओर यहां के काश्तकारों की आमदनी में भी इजाफा होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि अपने औषधीय गुणों के कारण गढ़ भोज कोरोना के दौर में आमजन की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक होगा और उत्तराखंड की आर्थिक आत्मनिर्भरता में सहयोगी साबित होगी।

Share this content:

देश/दुनिया की खबरें