2022 में तीसरा विकल्प जीता तो टपकेश्वर धाम में खुलेगा 24 घंटे का भंडारा – भावना पांडे ने लिया संकल्प
2022 में तीसरा विकल्प जीता तो टपकेश्वर धाम में खुलेगा 24 घंटे का भंडारा – भावना पांडे ने लिया संकल्प
देश की मशहूर समाजसेवी और उत्तराखंड राज्य आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाली वरिष्ठ आंदोलनकारी और तीसरा विकल्प की संयोजक भावना पांडे ने महाशिवरात्रि पर्व पर महा ऐलान किया है समाजसेवी भावना पांडे ने आज सिद्ध पीठ टपकेश्वर धाम का दौरा किया और वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए तमाम खामियों पर अपनी नाराजगी जाहिर की है ।
तीसरा विकल्प के तौर पर देवभूमि में इन दिनों भावना पांडे एक बड़ा राजनैतिक विकल्प तैयार कर रही है जिसमें प्रदेश ही नहीं देश भर के उत्तराखंड से जुड़े सामाजिक संगठनों और सम सामयिक मुद्दों से जुड़े संभ्रांत समूहों का भरपूर समर्थन मिल रहा है।
ऐसे में मंच को मिल रहे समर्थन से उत्साहित भावना पांडे ने कहा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में अगर उनके दल को उत्तराखंड की जनता भारी समर्थन देते हुए विधानसभा में निर्णायक सीटें दिलाती है तो वह टपकेश्वर धाम में अभूतपूर्व विकास कार्य कराकर इसे विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेंगे क्योंकि इस धाम से उनकी भावनाएं जुड़ी हुई है ।
भावना पांडे ने कहा कि आज जिस तरह से शिवरात्रि के महापर्व पर हजारों लोग इस धाम में आ रहे हैं लेकिन अव्यवस्था की वजह से उन्हें मायूसी हो रही है बच्चों बुजुर्गों और बूढ़ों को खानपान और साफ सफाई के लिए परेशान होना पड़ रहा है ऐसे में उनकी कोशिश होगी कि पार्टी को कामयाबी मिलने पर वो खुद इस देव स्थल पर 24 घंटे चलने वाला अखंड भंडारा शुरू कर भक्तों को बड़ी राहत देंगी।
सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए तीसरा विकल्प की संयोजक भावना पांडे ने कहा कि कितना ही अच्छा होता कि अगर स्थानीय प्रशासन ने यहां पर भंडारे की व्यवस्था की होती और कुछ हजार रुपये के ही बजट में खानपान की व्यवस्था मुफ्त उपलब्ध कराकर दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं को एक बेहतर व्यवस्था करते लेकिन न प्रशासन कुछ कर सका और ना ही सरकार इस दिशा में कुछ सोच रही है। ऐसे में देवस्थानों में श्रद्धालुओं के लिए उनकी पार्टी अगर निर्णायक जीत हासिल करती है तो इस तरह की तमाम समस्याओं पर तुरंत फैसले लेकर आम जनता को राहत देने का काम करेगी। इस घोषणा को भावना पांडे ने खुद टपकेश्वर धाम में आज पूजा अर्चना करने के बाद कही है।
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