महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बने ऐसी योजना बनाने की जरूरत-रीना सिंह
महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बने ऐसी योजना बनाने की जरूरत-रीना सिंह
मनोज नोडियाल
कोटद्वार।जन संघ सेवक मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष व आयरन लेडी *रीना सिंह* ने आगामी आठ मार्च को मनाये जाने वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी उत्थान की बात करने वाले , नारी सशक्तिकरण की आवाज बुलंद करने वाले,स्त्रियों को स्वावलम्बी बनाए जाने की बहस करने वालों के लिए संदेश देते हुए कहा कि सरकार व समाज को चाहिए कि महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बनें ऐसी योजनाएं तैयार किया जाय जिससे समाज मे महिलाओं की चतुर्दिक विकास संभव हो सके।महिला और पुरुष के बीच समानता स्थापित करने के लिए कार्य किया जाय। आगे रीना सिंह ने कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य है कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं आर्थिक रूप से स्वावलंबी बने। इसके लिए सरकार कई योजनाएं बनाई है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन भी इसी के तहत लांच किया गया है।इस योजना से ग्रामीण महिलाओं का कौशल विकास करके उन्हें स्वरोजगार उपलब्ध कराना है। वर्तमान में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। इंदिरा आवास, मनरेगा सहित अन्य योजनाओं में भी महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना है।महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए योजनाएं बनाई जाए।
महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने की दिशा में इस साल नए आयाम स्थापित होंगे। शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलंबन की योजनाएं नारी सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण साबित होंगी। स्वर्ण जयंती कार्यक्रम के तहत स्वयं सहायता समूह, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, मनरेगा व कौशल विकास मिशन से महिलाओं के लिए स्वरोजगार व स्वावलंबन की नई राहें खुलने की उम्मीद हैं। शासन द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रयास तेज होने लगे हैं।साक्षरता मिशन के तहत उल्लेखनीय कार्य हो रहा है।शिक्षा अभियान के तहत बजट में छात्राओं को योग, कला व व्यावसायिक शिक्षा देने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। सैकड़ों छात्राओं की अनुदेशकों के रूप में इस साल भी तैनाती होगी।
शहरी एवं ग्रामीण लड़कियों की खेल प्रतिभा सामने लाने के लिए स्टेडियम स्थापित किये जा रहे हैं। अनेक खेल प्रतिभाएं स्टेडियम में जौहर निखारने को आतुर हैं। स्वर्ण जयंती कार्यक्रम के बाद अब राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन केन्द्र सरकार की दूसरी महत्वाकांक्षी योजना है। इसमें केवल महिलाओं के समूह गठित किए जाएंगे। इसमें महिलाओं को मार्केटिंग व बिजनेस, उत्पादों का कीमत निर्धारण, बजट, पेंशन और इंश्योरेंस के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। मनरेगा में अब महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। 50 फीसद से अधिक महिलाएं रोजगार पा सकेंगी।महिला व बाल विकास विभाग व डूडा की तरफ से सैकड़ों युवतियों व महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, ब्यूटीशियन आदि का प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं अब खेती में हाथ आजमाने लगी हैं। आत्मा योजना के तहत जैविक खाद के लिए महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। जिले में संचालित केन्द्रों पर अनेक महिलाएं प्रशिक्षिण ले रही हैं।
किशोरी सशक्ति योजना : बाल विकास पुष्टाहार विभाग द्वारा स्कूल छोड़ चुकी लड़कियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।आजीविका मिशन : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन लागू कर इसके तहत ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के समूह गठित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।कौशल विकास मिशन : 20 दिसंबर को लागू इस मिशन के तहत महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने पर जोर रहेगा। सरकार की कोशिश गरीब महिलाओं को प्रशिक्षण देकर लघु उद्योग खुलवाने का है।जननी सुरक्षा योजना : प्रसव के दौरान महिलाओं की मृत्यु दर कम करने के लिए संचालित जननी सुरक्षा योजना कारगर साबित हुई है। सरकारी एंबुलेंस की सुविधा से संस्थागत प्रसव की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सरकारी अस्पतालों में प्रसव की तमाम सुविधाएं दी जा रही हैं।
महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए शिक्षा पर जोर रहेगा। वहीं सरकार की जो भी नीति-रीति है, उनका लाभ अधिक से अधिक महिलाओं को दिलाते हुए सशक्त किया जाएगा।जन संघ सेवक मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष आयरन लेडी रीना सिंह ने महिलाओं के विकास व उत्थान के लिए सरकार से व समाज से आगे आकर काम करने की अपील की।
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