तीसरा विकल्प की भावना पांडे ने उठाया मुद्दा – पहाड़ के सभी संगठन बोले ये जनादेश का अपमान
तीसरा विकल्प की भावना पांडे ने उठाया मुद्दा – पहाड़ के सभी संगठन बोले ये जनादेश का अपमान
अभी चौबीस घंटे पहले ही प्रदेश की राजनीति में बड़ी भूमिका तैयारी में जुटी भावना पांडे ने सांसद को मुख्यमंत्री बनाकर चुने हुए विधायकों को नज़रअंदाज़ करने को उनकी काबिलियत का अपमान बताया था इसके बाद तो पुरे पहाड़ से ये विरोध अब सुनाई देने लगा है। भले ही भाजपा ने पार्टी के अंदर मचे सियासी घमासान को नेतृत्व परिवर्तन कर शांत कर दिया हो लेकिन विपक्षी दल भाजपा हाईकमान के इस निर्णय को जनादेश का अपमान बता रहे हैं। उनका कहना है भाजपा को 57 विधायक देकर जनता ने प्रचंड बहुमत दिया था। हाल यह है कि इन विधायकों में से भाजपा को एक भी योग्य नहीं दिखा जो मुख्यमंत्री का चेहरा बन सकता था। जब केंद्रीय नेतृत्व ने ही जब इस पर फैसला करना हो तो ऐसे में चुनाव का क्या फायदा। आने वाले दिनों में जनता उनसे यह भी सवाल पूछेगी।
जो पार्टियां केंद्रीय संगठनों के नियंत्रण से चलती हैं वह क्षेत्रीय हितों की परवाह नहीं करते हैं। उत्तराखंड में 20 सालों से यहीं हो रहा है। यही कारण है कि उन्हें जनादेश की भी परवाह नहीं। राज्य की जनता सबक सिखाएगी जनता इन्हें।
हीरा बल्लभ भट्ट, जिलाध्यक्ष
यह जनादेश का अपमान है। 57 विधायकों में से एक भी योग्य नही जिसे मुख्यमंत्री बनाया जा सकता हो। जब निर्णय केंद्रीय नेतृत्व ने करना है तो ऐसे लोगों को विधानसभा में जिताकर क्यों भेजना है।
एनबी भट्ट, प्रदेश उपाध्यक्ष पीयूसीएल
पहाड़ को लूटने के लिए भाजपा-कांग्रेस का यह खेल 20 सालों से चलता आ रहा है। यह कोई नया नहीं है। चार साल बाद भाजपा को पता चला की उनका मुख्यमंत्री योग्य नहीं है। जनता के बारे में कान सोच रहा है।
रमेश कृषक, अध्यक्ष सवाल संगठन
भाजपा सरकार पूरी तरह असफल साबित हो गई है। इसीलिए यह परिवर्तन हुआ है। जनता आज भाजपा की जनविरोधी नीतियों से त्राहि-त्राहि कर रही हैं। जनता सब देख रही है।
ललित फसर्वाण, प्रदेश महामंत्री, कांग्रेस
यानि कहा जा सकता है कि जिस भावनात्मक और तार्किक मुद्दे के ज़रिये राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह ऐरावत की ताजपोशी पर सवाल उठाया था अब उसको पुरे पहाड़ के संगठनों का समर्थन मिलने लगा है।
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