पुरानी पेंशन करो बहाल, लड़कर लेंगे हक़ हर हाल कोटद्वार बना इतिहास का गवाह
पुरानी पेंशन करो बहाल, लड़कर लेंगे हक़ हर हाल
कोटद्वार बना इतिहास का गवाह
कोटद्वार।कण्वनगरी कोटद्वार में पुरानी पेंशन बहाली के लिए राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा द्वारा एक विशाल रैली निकाली गई जिसमें प्रदेश के सभी जिलों से कार्मिक हज़ारो की संख्या में शामिल होने पहुंचे। जिसमें प्रदेश के हजारों कार्मिक शामिल हुए। संयुक्त मोर्चे के सदस्यों ने सरकार को पुरानी पेंशन की बहाली हेतु सचेत करने के लिए इस रैली का आयोजन किया । कार्मिकों ने लालबत्ती चौक से तहसील परिसर तक इस विशाल रैली का संचालन किया इस महारैली में तीन पीढ़ियों ने प्रतिभाग करते हुए सरकार को सचेत करते हुए संदेश दिया कि अगर पुरानी पेंशन बहाली शीघ्र नही होती है । तो यह आंदोलन उग्र रूप लेगा और सड़कों पर नज़र आती यह भीड़ सरकारों को करारा जवाब देगी। रैली में हर कार्मिक कर मुंह से नारो में वह आक्रोश देखने को मिला जो उसे अपनी नई पेंशन योजना में होने वाली हालत को देख कर उमड़ता है।
इस विशाल रैली में महिलाओं और छात्रों की भी अच्छी खासी संख्या देखने को मिली।राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा राज्य में लगातार पुरानी पेंशन बहाली की मांग को बल दे रहा है।
इस सफल रैली के आयोजन पर कोटद्वार इकाई अध्यक्ष योगेश रूवाली ने कहा सब्र की एक सीमा होती है। और अत्याचार सहने की भी एक पराकाष्ठा नई पेंशन योजना के नाम पर जो झुनझुना सरकार ने 2005 के बाद नियुक्त हुए कार्मिकों को थमाया है उससे खेलने का वक़्त जा चुका है क्योंकि इसी नई पेंशन योजना के भयावह परिणाम हम सबके सामने हैं। जिस योजना में अत्यंत अल्प पेंशन मासिक गुज़ारे के लिए मिल रही है उस योजना को किस आधार पर स्वीकार किया जाय। सरकार से निवेदन है कि शीघ्र नई पेंशन योजना को खारिज़ कर पुरानी पेंशन बहाल की जाय। कोटद्वार इकाई के सयोंजक सरदार नरेश ने कहा कि लेकिन सरकार के कानों पर जूं रेंगेने का नाम नही है। रोज़ नए नए बहाने बनाकर कर्मचारियों को बेवकूफ बनाया जा रहा है। पुरानी पेंशन कोई पारितोषिक नही है बल्कि वह हक़ है जो कर्मचारी को अपने जीवन के स्वर्ण काल को देश के विकास में समर्पित करके मिलता है।संयुक्त मोर्चे के कोटद्वार इकाई के संरक्षक सरदार नरेश का कहना है कि हम सरकारी कर्मचारी हैं हम सरकार के रोजाना हज़ारों लाखो आदेश मानते और मनवाते रहते हैं तो क्या सरकार हमारी एक छोटी सी मांग को नहीं मान सकती।यदि कर्मचारियों का भविष्य अंधेरे में रहेगा तो हम भी यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा करने वालो को भविष्य में उचित जवाब दिया जाय।
गढ़वाल मंडल अध्यक्ष श्री जयदीप रावत ने कहा संयुक्त मोर्चे की अगुवाई में कार्मिक एकत्रित होकर लगातार सरकार को याद दिला रहे हैं कि आने वाले समय मे कर्मचारी भी भाग्य लिखने की स्थिति में होंगे। उस समय निश्चित ही देखा जाएगा कि किसने किसका कितना साथ दिया है। इसलिए अभी समय है पुरानी पेंशन को बहाल कर सरकार नेक पहल करे।
गढ़वाल मंडल महासचिव नरेश भट्ट ने कहा कि किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय के लिए नीयत प्राथमिकता है। अब पुरानी पेंशन बहाली का सँघर्ष सड़को पर आ पहुंचा है। अब या तो यह सदन तक जाएगा या सफलता तक। सरकार से हज़ारों बार विनम्र निवेदन किया जा चुका है कि पुरानी पेंशन को बहाल किया जाए। लेकिन बुढापे की भयावहता तब समझ आएगी जब यह स्थिति स्वयं के साथ आए।
प्रदेश महासचिव श्री सीताराम पोखरियाल का कहना है कि आज हज़ारों की संख्या में पहुंचे कार्मिकों ने साबित कर दिया है कि इस मांग की पूरी होने की कितनी अधिक आवश्यकता है। अगर यह पुरानी पेंशन बहाल नही होती है तो आगे के परिणाम गंभीर होंगे और हम अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरेंगे। देशभर मे संयुक्त मोर्चे ने अपनी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की बदौलत लाखो लोगो का विश्वास हासिल किया है। इस विश्वास को कायम रखा जाएगा। एक मिशन पुरानी पेंशन के धेय्य को पूरा करने के लिए रात दिन निरन्तर प्रयत्न शील रहेंगे।उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्ट्रीयल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री सुभाष देवलियाल ने कहा कि लगातार अपनी बात विनम्रता से रखते रखते बरस बीत गया। अब सड़क की बारी है और अन्याय के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने की बारी है। हम किसी भी हालत में इस नई पेंशन योजना को बर्दाश्त नही करेंगे। हमारे भविष्य की सुरक्षा के लिए सरकार पुरानी पेंशन को बहाल करे।
प्रांतीय प्रेस सचिव डॉ कमलेश कुमार मिश्र ने कहा कि अगर नई पेंशन की खामियां सरकार के किसी नुमाइंदे को समझनी है तो वह सेवानिवृति से पहले अपनी पुरानी पेंशन की जगह नई पेंशन योजना लगा कर देख ले। यह निश्चित है कि इस नई पेंशन योजना में प्राप्त होने वाली धनराशि अत्यंत न्यून है इस चिंता में आपकी रातों की नींद उड़ सकती है आपका स्वास्थ्य गुर सकता है और सम्भवतः आप अवसाद ग्रस्त हो सकते हैं।कोटद्वार रैली के मुख्य अथिति सचिवालय संघ के अध्यक्ष श्री दीपक जोशी जी ने कहा कि सरकारें आती जाती रहेंगी मगर पुरानी पेंशन आपके साथ अंतिम समय तक रहेगी। इसी पुरानी पेंशन की बदौलत आपकी रीढ़ की हड्डी सदैव सीधी रहेगी। सरकार से इस आत्मसम्मान की मांग की जा रही है। जब राज्य में डबल इंजन की सरकार है तो दिक्कत कहाँ है। मैं संयुक्त मोर्चे के सदस्यों को बधाईं देता हूँ कि आप लगातार ईमानदारी से पुरानी पेंशन के सँघर्ष को बनाये हुए हैं जो भी सहयोग मुझ से अपेक्षित है मैं उसके लिए आपको सदैव उपस्थित मिलूंगा।कार्यक्रम में राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष श्री मुकेश प्रसाद बहुगुणा ने शिरकत करते हुए कहा कि पुरानी पेंशन की बहाली ही तय करेगी कि आगामी समय मे किसका पलड़ा भारी होगा। क्योंकि यह नई पेंशन योजना है जिसके परिणाम सामने आ चुके हैं । यह सरकार का वह उत्पाद है जिसके पैकेट का रैपर तो चमकदार था परन्तु इसके अंदर मात्र हवा ही भरी है। इस उत्पाद की सारी हवा निकल चुकी है।सरकार इस पर गम्भीरता से विचार करे।जिला अध्यक्ष पौड़ी मेहरबान भण्डारी और भवान सिंह नेगी ने कहा कि हम सरकार के नुमाइंदे हैं यदि हम ही असंतुष्ट रहेंगे तो जनता का असन्तुष्ट होना स्वाभाविक है। और नई पेंशन योजना को लेकर कार्मिकों में अत्यंत रोष है। इस रोष को सरकार को दूर करना होगा अन्यथा कर्मचारी आने वाले भविष्य में गंभीर कदम उठा सकते हैं।इस मौके परप्रांतीय महासचिव सीताराम पोखरियाल, प्रांतीय अध्यक्ष अनिल बड़ोनी, प्रांतीय उपाध्यक्ष देवेंद्र बिष्ट, प्रांतीय प्रेस सचिव डॉ कमलेश मिश्रा, मण्डलीय अध्यक्ष जयदीप रावत, मंडलीय महासचिव नरेश भट्ट, मण्डलीय संयुक्त मंत्री प्रवीण जुयाल, मण्डलीय प्रभारी प्रेम चन्द्र ध्यानी, जिला अध्यक्ष पौड़ी मेहरबान भंडारी, पौड़ी मंत्री भवान सिंह नेगी,जिलाध्यक्ष रुद्रप्रयाग अंकित रौथाण, उपाध्यक्ष अतुल शाह, सकलानन्द नौटियाल, कुलदीप रावत, संग्राम नेगी, योगेश घिल्डियाल,आनंद लिंगवाल. देवेंद्र रावत , बिजेंद्र बिष्ट, राकेश पोखरियाल. मुकेश बहुगुणा, पंकज ध्यानी, मनमोहन चौहान, रविंद्र पयाल, अर्जुन राणा, अव्वल सिंह रावत. प्रमिला रावत. विनोद रावत, अरविन्द गौड़, बुद्धि प्रसाद पेटवाल,श्रो सी0एस0असवाल प्रदेश अध्यक्ष कृषि महासंघ, श्री बीरेंद्र गुसाईं, डिप्लोमा इंजनियरिंग संघ, मुकेश ध्यानी प्रदेश अध्यक्ष कृषि मिनिस्ट्रियल कर्मचारी एसोसिएशन उत्तराखंड, अनिल प्रकाश उनियाल, शंकर पांडेय, आदि मौजूद रहे।
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