एक हो जाओ, नही तो बर्बाद हो जाओगे: भावना पांडे
एक हो जाओ, नही तो बर्बाद हो जाओगे: भावना पांडे
संगठित हों आंदोलनकारी, पूर्व सैनिक और बुद्धिजीवी
राज्य बचाने के लिए छेड़नी होगी नई मुहिम
देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने गैरसैंण में सड़क की मांग कर रहे ग्रामीणों पर पुलिस लाठीचार्ज की निंदा की है। उन्होंने कहा कि विडम्बना है कि अपने ही राज्य में हक के लिए लाठियां खानी पड़ रही है। उन्होंने सभी आंदोलनकारी ताकतों को एकजुट होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश हित में इन ताकतों को अपने अहम और स्वार्थ को त्यागकर एक मंच पर आना होगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो गैरसैंण जैसी घटनाओं के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि बिना एकता के हम सत्ता के नशे में चूर नेताओं और भ्रष्ट व्यवस्था से नहीं लड़ सकते हैं। भावना ने कहा कि हमारी एक पीढ़ी इन भ्रष्ट नेताओं के कारण बर्बाद हो चुकी है और भावी पीढ़ी को बचाने के लिए नई मुहिम छेड़नी होगी।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि पर्वतीय जिलों में विकास को लेकर नेता और अफसर गंभीर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के 20 साल बाद भी यहां की तस्वीर और तकदीर नहीं बदली। आज भी ग्रामीणों को एक सड़क के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। कई इलाकों में तो महिलाओं और युवाओं ने गांव की सड़क खुद ही बनाई तो सरकार यह बताएं कि सड़कों के जाल का ढिंढोरा क्यों और कैसे पीटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार और अफसर निजी लाभ के लिए सड़कों के टेंडर और नीतियां जारी करती हैं। भ्रष्ट व्यवस्था को जनता की सुविधाओं और जरूरतों की कोई परवाह नहीं है।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि अब समय आ गया है कि प्रदेश में विकास के लिए नई मुहिम चलाई जाएं। उन्होंने कहा कि सभी आंदोलनकारी ताकतों, पूर्व सैनिकों, बुद्धिजीवियों, महिलाओं और युवाओं को एक मंच पर आना होगा। भावना ने कहा कि गैरसैंण आंदोलन समेत कई आंदोलनों में दो-दो, चार-चार लोग अलग-अलग राग अलापते हैॅं। यदि संगठित होकर प्रदेश के हितों की लड़ाई लड़ी जाएं तो उसे अंजाम तक पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने चेताया कि यदि हम एकजुट नहीं हुए तो भ्रष्ट और निरंकुश व्यवस्था हम पर लाठियां-गोलियां बरसाती रहेगी। भावना पांडे ने कहा कि मौजूद व्यवस्था के कारण हमारे बच्चों का भविष्य तो चैपट हो चुका है लेकिन भावी पीढ़ी के लिए हमें संगठित होना होगा, नही ंतो हमारे अलग राज्य को लेकर बुने सपने चकनाचूर हो जाएंगे।
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