स्यूंसाल ग्रामवासियों ने किया विधायक का घेराव
स्यूंसाल ग्रामवासियों ने किया विधायक का घेराव
सालों से शहीदों के गांव में नहीं बन पायी दो किलोमीटर सड़क
ग्रामीणों का कहना है कि 5 साल में 3 मुख्यमंत्री, 2 सांसद और 2 विधायक आ गए फिर भी उन्हें 2 किमी रोड नहीं मिल पायी
वर्षों से सड़क सुविधा से वंचित स्यूंसाल के ग्रामीणों का सब्र का बांध आज उस वक्त टूट गया जब स्थानीय विधायक धन सिंह रावत का क्षेत्र में दौरा हुआ और उन्होंने विधायक का रोड़ पर ही घेराव कर कड़ा रोष व्यक्त किया। यह घटना लगभग शाम 3:30 बजे हुई जिसमें बड़ी संख्या में गांव की महिलाओं और पुरुषों ने विधायक के काफिले को सरकारी अस्पताल के पास रोक विरोध प्रदर्शन जताया। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले पांच सालों में उनके गांव में दो किलोमीटर की सड़क भी नहीं बन पायी है जिस कारण वे आज भी बड़ी तकलीफों का सामना कर रहे हैं।
गौरतलब है कि स्यूंसाल गांव की आबादी 250 से ज्यादा है। गांव से देश सेवा में दो जवान भी शहीद हुए हैं। ग्रामीण पिछले कई वर्षों से सड़क सुविधा की मांग कर रहे हैं। फिर भी उनका गांव मोटर मार्ग से नहीं जुड़ पाया है। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2016 में 35 लाख की लागत से मेरा गांव मेरी सड़क योजना के तहत गांव के लिए दो किलोमीटर लम्बा कंक्रीट रोड स्वीकृत हुआ था। जिसका तीन सालों में केवल एक किमी हिस्सा ही बन पाया। ग्रामीण बताते हैं कि इस रोड पर एक भी दिन गाड़ी नहीं चली और 35 लाख खत्म हो गए। जो हिस्सा बना है उस पर पुलिया टूट चुकी है , जगह जगह गड्ढे और धसाव हो चूका है और वर्तमान में यह रोड पैदल चलने लायक भी नहीं बचा है।
जब गांववालों ने पुरजोर तरीके से सड़क की मांग उठायी तो दो साल पहले उन्हें बताया गया कि मुख्यमंत्री सड़क योजना से बनी रोड कामयाब नहीं है और उनके गांव के लिए पीडब्लूडी के द्वारा नया मोटर मार्ग बनाया जायेगा। इस मार्ग के लिए भी कई बार सर्वेक्षण और कागजी कार्यवाही हो चुकी है पर धरातल पर कोई काम नहीं हुआ है। पिछले छः महीन से विभाग उन्हें टेंडर प्रक्रिया का हवाला दे, मार्च 2021 से रोड निर्माण काम चालू करने का आश्वासन दे रहा है परन्तु अब जब मार्च का महीना भी बीत गया तो ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया है। इसी कारण उन्होंने विधायक आगमन की सूचना पर उनके घेराव का फैसला किया।
लोगों के भारी आक्रोश के चलते विधायक धन सिंह रावत ने 2 महीने के अंदर गांव में मोटर मार्ग शुरू करने का आश्वासन दिया है। काफी गहमागहमी के बाद ग्रामीणों ने विधायक का रास्ता छोड़ा। सरकार पर लोगों की बुनियादी जरूरतों की अनदेखी करने का आरोप लगते हुए ग्रामीणों ने कहाँ कि यदि अब भी सरकार नहीं चेती तो उनका पूरा बहिष्कार किया जायेगा। ग्रामीण ने अपनी मांग लिखित तौर भी विधायक प्रतिनिधि तक पहुंचाई है और पुराने रोड में हुए भ्रष्टाचार की जाँच कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने को कहा है।
गौरतलब है कि चौथान क्षेत्र में पहली बार विधायक को जनता कि नाराजगी का सामना करना पड़ा है। वास्तव में सड़क सुविधा के अभाव में ग्रामीणों की दयनीय स्थिति है। गांव से मुख्य मोटर मार्ग लगभग 2 किलोमीटर दूर है। आपात स्थिति में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने अथवा बाजार से भारी भरकम सामान गांव ले जाने में ग्रामीणों को बहुत विशेषकर महिलाओं को बहुत अधिक कष्ट का सामना करना पड़ता है।
इसलिए विधायक का विरोध करने में गांव की महिला प्रधान दीपा बिष्ट समेत रैणी देवी, रानी देवी, तुलसी देवी, कमला देवी, ठगुली देवी, सीता देवी, बसंती देवी, पार्वती देवी, भागुली देवीकई महिलाएं एकजुट होकर आगे आई। साथ में मौके पर गांव के हरक सिंह, इंदर सिंह बेलवाल, श्याम सिंह बेलवाल, आनंद सिंह बिष्ट, गोविंद सिंह बिष्ट, आनंद सिंह, अमर सिंह भंडारी, नंदन सिंह भंडारी, धरम सिंह भंडारी, शंभू प्रसाद, धन सिंह बिष्ट, पूर्व सरपंच गोपाल दत्त, दिनेश सिंह, विनोद सिंह, दौलत सिंह नेगी, वीरेंद्र सिंह बिष्ट भी मौजूद रहे।
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