उत्तराखंड में ढाई साल बाद भी धरातल पर नहीं उतरे इन्वेस्टमेंट के समझौते
उत्तराखंड में ढाई साल बाद भी धरातल पर नहीं उतरे इन्वेस्टमेंट के समझौते
देहरादून। उत्तराखंड सरकार द्वारा आयोजित निवेश सम्मेलन में किए गए एक चौथाई समझौते ढाई साल बाद भी धरातल पर नहीं उतर पाए हैं। प्रस्तावित 124 हजार करोड़ के निवेश के सापेक्ष अभी तक केवल 15 हजार करोड़ के प्रस्तावों पर ही बात कुछ आगे बढ़ी है। इसके अलावा 10 हजार करोड़ के अन्य निवेश पर काम चल रहा है। सरकार ने वर्ष 2018 में प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए डेस्टिनेशन उत्तराखंड नाम से निवेशक सम्मेलन का आयोजन किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन का उदघाटन किया था। इस सम्मेलन में देश के कई बड़े औद्योगिक घरानों ने शिरकत करने के साथ ही यहां निवेश में रुचि दिखाई।
इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में तकरीबन 124.36 हजार करोड़ के पूंजी निवेश के कुल 601 समाझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इनके धरातल पर उतरने से 3.5 लाख युवाओं को रोजगार मिलने की बात कही गई। उम्मीद जताई गई कि आने वाले समय में इनमें से 50 फीसद एमओयू भी धरातल पर उतरे तो प्रदेश में औद्योगिक रफ्तार तेजी पकड़ेगी। सबसे अधिक 233 समझौते विनिर्माण के क्षेत्र में हुए।
इसके अलावा 119 समझौते पर्यटन एवं आतिथ्य और फिल्म शूटिंग, 91 समझौते खाद्य प्रसंस्करण, कृषि, उद्यान, डेयरी, मत्स्य पालन और पशुपालन, 71 समझौते हेल्थकेयर, 22 समझौते हेल्थ एवं वैलनेस, 19-19 समझौते ऊर्जा एवं सूचना प्रौद्योगिकी और संचार, 18 समझौते अवसंरचना और नौ समझौते स्किल डेवलेपमेंट एवं शिक्षा के क्षेत्र में हुए।
ढाई साल गुजरने के बाद इनमें से अधिकांश निवेशकों ने समझौता करने के बाद यहां रुख करना मुनासिब नहीं समझा। इनमें से निवेशकों के साथ समझौते ज्ञापन में से 15.56 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर काम आगे बढ़ा है। इनमें 40 हजार व्यक्तियों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
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