ग्रामीणों की संकटमोचक बनी भावना पांडे
ग्रामीणों की संकटमोचक बनी भावना पांडे
कंटेनमेंट जोन बने गढ़वाल व कुमाऊं के गांवों में भेज रही रसद
सतपाल महाराज के विस क्षेत्र से भी ग्रामीणों ने मांगी मदद
देहरादून। राज्य आंदोलनकारी और समाजसेवी भावना पांडे इन दिनों कुमाऊं और गढ़वाल के ग्रामीणों की मदद में जुटी हुई हैं। ग्रामीण उनसे मदद की अपील कर रहे हैं और वो उनकी हरसंभव मदद कर रही हैॅं। उनका कहना है कि पहाड़ के गांवों में कंटेनमेंट जोन तो बना दिये गये लेकिन ग्रामीणों को राशन और सब्जियों की आपूर्ति नहीं हो रही है। इस कारण ग्रामीणों को दिक्कत हो रही है। उनका प्रयास है कि गढ़वाल और कुमाऊं के सभी जिलों के कंटेनमेंट क्षेत्रों में वो राशन और सब्जियों की आपूर्ति कर सकें।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने अब तक रानीखेत, अल्मोड़ा, सोमेश्वर-जागेश्वर इलाकों में राशन और सब्जी भिजवाईं हैं। उनका कहना है कि इसकी जानकारी मिलने पर लोग वीडियो बनाकर उनसे मदद की गुहार लगा रहे हैं। उनके अनुसार कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के इलाके चैबट्टाखाल से भी लोगों ने मदद मांगी है और वो उनकी मदद करेंगी। उनके अनुसार सरकार को ग्रामीण इलाकों विशेषकर कंटेनमेंट जोन बने क्षेत्रों में राशन और सब्जियों की आपूर्ति करनी चाहिए थी लेकिन जरूरतमंदों तक राशन नहीं पहुंच पा रहा है। इस संबंध में जब लोग उनसे पूछते हैं कि सरकारी राशन कहां गया तो वो सीधा सा जवाब देती हैं कि सरकारी राशन जाम में फंस गया है।
समाजसेवी भावना पांडे ने कहा कि गांवों तक रसद पहुंचाने में दिक्कत आ रही है। भौगोलिक स्थितियां अलग-अलग हैं। ऐसे में प्रबंधन होने में कुछ देरी हो रही है, लेकिन उन्होंने वादा किया कि वो गढ़वाल और कुमाऊं क सभी जिलों के कंटेनमेंट जोन और जरूरतमंदों को मदद करने का प्रयास करेंगी। उन्होंने कहा कि अगले एक सप्ताह में वो पौड़ी, यमकेश्वर, टिहरी, रुद्रप्रयाग और चमोली में राशन और सब्जी भिजवाएंगी। उनके अनुसार ब्लाक स्तर पर राशन भेजी जाएगी। यहां से कंटेनमेंट जोन तक इसे पहुंचाया जाएगा। भावना ने कहा कि जनता उनसे आस लगाए बैठी है और उनका प्रयास है कि वो जनता की उम्मीदों पर खरा उतर सकें।
भावना पांडे ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे समय में जब जनता परेशान है। कालाबाजारी चरम पर है तो जनसेवक बने नेता कहीं दुबक गये हैं। वो केवल काले पत्थरों का शिलान्यास करने ग्लब्स पहनकर पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता इस बात को याद रखेगी और 2022 के विधानसभा चुनाव में ऐसे नेताओं को सबक सिखाने का काम करेगी
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