देहरादून के हालात ख़राब, दिखावे के लगा है कोविड कर्फ्यू
देहरादून के हालात ख़राब, दिखावे के लगा है कोविड कर्फ्यू
देहरादून। कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते कदम से दून के हालात बेकाबू हो चुके हैं। जिले में मरीजों के लिए न बेड हैं, न एंबुलेंस, न ही ऑक्सीजन मिल रही न इसके उपकरण। महामारी के कारण हो रहीं मौत का आंकड़ा भी इसकी भयावहता दिखा रहा। कहने को जिले में कोविड कर्फ्यू लागू है। आमजन के बेवजह घर से निकलने पर पाबंदी है। इतना ही नहीं सार्वजनिक परिवहन वाहनों का भी संचालन बंद रखने के आदेश हैं, मगर क्या इसका अनुपालन हो रहा। कर्फ्यू महज नाम का रह गया है। पूरा दिन सड़क पर बेवजह घूमने वालों की कमी नहीं और पुलिस इन्हें रोकने में नाकाम साबित हो रही। हालात ये हैं कि शहर में सख्ती करना तो दूर, चौराहों या मुख्य मार्ग पर पुलिस नजर तक नहीं आ रही। बैरिकेडिंग भी सिर्फ दिखावा बनी हुई हैं। यहां पुलिसकर्मी तैनात तो हैं पर मुस्तैद नहीं। सरकार और जिम्मेदार जिला प्रशासन व्यवस्था को भगवान भरोसे छोड़कर अपने हाथ खड़े कर चुके हैं।
दून में कोरोना संक्रमण रोजाना बढ़ता जा रहा है। पिछले एक हफ्ते में संक्रमण की दर दो हजार से बढ़कर शुक्रवार को चार हजार मरीजों तक पहुंच गई। यहां संक्रमण रोकने के लिए लगाए कोरोना कर्फ्यू में सरकार की ओर से बाजार बंद करा दिए गए और सिर्फ आवश्यक सेवा के प्रतिष्ठानों को ही खोलने की ही अनुमति है। इसका समय भी दोपहर 12 बजे तक तय किया गया है। हाल ही में प्रशासन ने इसमें संशोधन करते हुए परचून दुकान को केवल गुरूवार व शनिवार को ही खोलने की अनुमति दी, जबकि फल-सब्जी समेत दूध-डेयरी, बेकरी, मांस-मछली और सरिया-सीमेंट की दुकान को रोजाना दोपहर 12 बजे तक खुलने की अनुमति है। आदेश के बावजूद फल-सब्जी की दुकान या ठेली शाम तक खुली या चलती रहती हैं।
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