नारदा स्कैम में गिरफ्तार नेताओं को कोलकाता हाई कोर्ट से राहत
नारदा स्कैम में गिरफ्तार नेताओं को कोलकाता हाई कोर्ट से राहत
कोलकाता: नारदा स्कैम में गिरफ्तार चारों टीएमसी नेताओं को कोलकाता हाई कोर्ट से राहत मिल गई है. इन नेताओं को दो लाख के निजी मुचलके पर जमानत मिली है. जमानत के साथ शर्तें भी रखी गई हैं. इन नेताओं को प्रेस कांफ्रेंस करने से मना किया गया है. इससे पहले ये नेता सुप्रीम कोर्ट गए थे, लेकिन सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई से इनकार कर दिया था.
इस केस में जिन नेताओं की गिरफ्तारी हुई थी उसमें शामिल हैं फिरहाद हाकिम, मदन मित्रा, सुब्रत मुखर्जी और शोवन चटर्जी. फिरहाद हाकिम और सुब्रत मुखर्जी मौजूदा पश्चिम बंगाल में मंत्री हैं, जबकि मदन मित्रा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक हैं. वहीं, शोवन चटर्जी ने बंगाल चुनाव के दौरान टीएमसी छोड़ दिया था. बाद में टिकट न मिलने पर बीजेपी भी छोड़ दिया था.
हाई कोर्ट ने सशर्त अंतरिम जमानत दी
कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली पीठ ने अंतरिम जमानत देने से पहले कुछ शर्तें रखीं. 2 लाख के निजी मुचलके के अलावा हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि चारों नेता वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जांच में शामिल होंगे और वे नारद मामले पर लंबित मुकदमे पर कोई मीडिया बयान नहीं देंगे.
आपको बता दें कि सीबीआई ने 17 मई को नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में दो कैबिनेट मंत्रियों फिरहाद हाकिम और सुब्रत मुखर्जी, एक विधायक मदन मित्रा और एक पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया था. सीबीआई अदालत ने इन चारों नेताओं को उसी दिन अंतरिम जमानत दे दी थी, लेकिन कलकत्ता हाई कोर्ट ने जमानत पर रोक लगा दी थी.
इसके बाद इन चारों नेताओं की जमानत याचिका पर 21 मई को सुनवाई हुई. इस दौरान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ एक फैसले पर नहीं पहुंच पाई और आरोपियों को हाउस अरेस्ट करने का आदेश जारी कर दिया. इसके साथ ही जमानत याचिका को हाई कोर्ट की बड़ी बेंच के पास भेज दिया गया.
फिर चारों टीएमसी नेताओं की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट ने पांच जजों की बेंच बनाई. इसकी अध्यक्षता कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने की. इसी बेंच ने चारों टीएमसी नेताओं को जमानत दे दी है. अभी मदन मित्रा का सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि बाकी तीन नेता घर आ गए हैं.
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