BJP अध्यक्ष नड्डा ने जागेश्वर धाम पहुंचकर किया महामृत्युंजय जाप और रुद्राभिषेक पाठ
BJP अध्यक्ष नड्डा ने जागेश्वर धाम पहुंचकर किया महामृत्युंजय जाप और रुद्राभिषेक पाठ
अल्मोड़ा: विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सपरिवार पहुंचे हैं. जागेश्वर धाम पहुचंकर नड्डा ने महामृत्युंजय जाप व रुद्राभिषेक का पाठ किया. यहां पहुंचने पर स्थानीय लोगों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया है. हैरानी की बात ये है कि देहरादून प्रदेश भाजपा को नड्डा के अल्मोड़ा दौरे की जानकारी ही नहीं थी. वहीं, नड्डा के साथ सांसद अजय टम्टा भी मौजूद हैं. इस दौरान टम्टा ने बताया कि ये उनके संसदीय क्षेत्र के लिये सौभाग्य की बात है कि जागेश्वर धाम में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पहुंचे हैं.
प्रसिद्ध है जागेश्वर धाम: उत्तराखंड में वास्तुकला के बेहतरीन उदाहरणों में से एक, जगेश्वर धाम भगवान शिव को समर्पित मंदिरों का एक समूह है. यहां 124 बड़े और छोटे मंदिर हैं. पहाड़ों की पृष्ठभूमि पर ये मंदिर बहुत खूबसूरत व सुंदर दिखते हैं. एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) के अनुसार, मंदिर गुप्त और पूर्व मध्ययुगीन युग के बाद और 2500 वर्ष पुराना है. मंदिरों के पत्थरों, पत्थर की मूर्तियों पर नक्काशी मंदिर का मुख्य आकर्षण है. मंदिर का स्थान ध्यान के लिए भी आदर्श है.
यहां अच्छी मनोकामनाएं होती हैं पूरी: पुराणों के अनुसार शिवजी तथा सप्तऋषियों ने यहां तपस्या की थी. कहा जाता है कि प्राचीन समय में जागेश्वर मंदिर में मांगी गई मन्नतें उसी रूप में स्वीकार हो जाती थीं, जिसका भारी दुरुपयोग हो रहा था. आठवीं सदी में आदि शंकराचार्य जागेश्वर आए. उन्होंने महामृत्युंजय में स्थापित शिवलिंग को कीलित करके इस दुरुपयोग को रोकने की व्यवस्था की. शंकराचार्य जी द्वारा कीलित किए जाने के बाद से अब यहां दूसरों के लिए बुरी कामना करने वालों की मनोकामनाएं पूरी नहीं होती हैं. केवल यज्ञ एवं अनुष्ठान से मंगलकारी मनोकामनाएं ही पूरी हो सकती हैं.
रुद्राभिषेक पाठ करने के लाभ: वेदों और पुराणों में रुद्राभिषेक के बारे में बताया गया है कि रावण ने अपने दसों सिरों को काटकर उसके रक्त से शिवलिंग का अभिषेक किया था तथा सिरों को हवन की अग्नि को अर्पित कर दिया था. इससे वो त्रिलोकजयी हो गया. भस्मासुर ने शिवलिंग का अभिषेक अपनी आंखों के आंसुओं से किया तो वह भी भगवान के वरदान का पात्र बन गया.
कालसर्प योग, गृहक्लेश, व्यापार में नुकसान, शिक्षा में रुकावट सभी कार्यों की बाधाओं को दूर करने के लिए रुद्राभिषेक पाठ किया जाता है. धार्मिक ग्रंथों में इसलिए रुद्राभिषेक पाठ को हर बाधा को दूर करने वाला बताया गया है.
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