हाई कोर्ट ने झारखंड गृह सचिव और FSL निदेशक को किया तलब
हाई कोर्ट ने झारखंड गृह सचिव और FSL निदेशक को किया तलब
झारखंड के धनबाद में हुई जिला एवं सत्र जज उत्तम आनंद (Dhanbad Judge Death) की मौत की गुत्थी अभी तक सुलझ नहीं पाई. इस मामले की सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने राज्य के गृह सचिव (Home Secretary) और फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) के निदेशक को 27 अगस्त को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है.बता दें कि 28 जुलाई को सुबह जज उत्तम आनंद सुबह के समय जब मॉर्निंग वॉक कर रहे थे तो एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी थी. उसमें उनकी मौत हो गई थी. फिलहाल सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है.
बता दें कि धनबाद जज मौत मामले में नार्को टेस्ट (Narco Test) और ब्रेन मैपिंग के लिए सीबीआई दोनों आरोपियों को गुजरात ले गई है. इससे पहले सीबीआई ने इस मामले में दोनों आरोपियों ऑटो ड्राइवर (Auto Driver) लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को धनबाद में सीबीआई की विशेष न्यायिक दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत में पेश कर 10 दिन की रिमांड ली थी.
झारखंड हाई कोर्ट ने लगाई फटकार
गुरुवार को केस की जांच कर रही सीबीआई ने अदालत में सुनवाई के दौरान बताया कि मामले में अभियुक्त का यूरीन और ब्लड सैंपल को जांच के लिए एफएसएल लैब भेजा गया था, लेकिन वहां से इसे लौटा दिया गया. सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि लैब से सैंपल यह कहकर लौटा दिया गया कि यहां इसकी सुविधा नहीं है और ना ही विशेषज्ञ है. सीबीआई से मिली जानकारी के बाद हाईकोर्ट ने इसे शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. बता दें कि बता दें कि 28 जुलाई को सुबह जज उत्तम आनंद सुबह के समय जब मॉर्निंग वॉक कर रहे थे तो एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी थी. हादसे की यह पूरी घटना आसपास लगे सीसीटीव कैमरों में कैद हो गई जिसकी फुटेज देखने के बाद यह मामला सामान्य एक्सीडेंट से हत्या की ओर बढ़ गया. मामला बढ़ने पर हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया और सीबीआई को केस की जांच सौंप दी. इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें एक ऑटो चलाने वाला ड्राइवर और एक उसका सहयोगी शामिल है. दोनों आरोपियों से पूछताछ के अलावा सीबीआई लाई डिटेक्टर टेस्ट भी करवा चुकी है लेकिन अभी तक सीबीआई किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाई है.
27 अगस्त तक गृह सचिव और एफएसएल के निदेशक को हाजिर होने का दिया निर्देश
गौरतलब है कि जज उत्तम आनंद की मौत के मामले में गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की पीठ ने सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीआई की स्पेशल टीम से एसएसएल जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा जिसपर सीबीआई ने बताया कि आरोपियों के सैंपल को लैब से सुविधा ना होने का कारण बताकर लौटा दिया गया. सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि इस वजह से ही टीम रिपोर्ट लाने में असफल रही. कोर्ट ने इसे शर्मनाक बताते हुए कहा कि क्या एसएसएल रांची में यूरीन जांच तक की सुविधा नहीं है. कोर्ट ने मामले में कड़ी नाराजगी जताते हुए 27 अगस्त को राज्य के गृह सचिव और एफएसएल के निदेशक को हाजिर होने का आदेश दिया. अब मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी.
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